PM मोदी का 15 जुलाई को वाराणसी दौरा, अपने संसदीय क्षेत्र को देंगे 1500 करोड़ रुपये की सौगात
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार (15 जुलाई) को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी का दौरा करेंगे. इस दौरान पीएम मोदी वाराणसी को 1500 करोड़ रुपये से ज्यादा की परियोजनाओं की सौगात देंगे. कोरोना काल में प्रधानमंत्री लगभग 8 महीने के बाद वाराणसी आ रहे हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि वह अपने संसदीय क्षेत्र में लगभग 5 से 6 घंटे बिताएंगे.
पीएम मोदी वाराणसी के सिगरा इलाके में जापान के सहयोग से बने रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का भी उद्घाटन करेंगे. इस दौरान जापान के प्रधानमंत्री भी वर्चुअल कार्यक्रम से जुड़ेंगे. प्रधानमंत्री का अपने संसदीय क्षेत्र में दोनों कार्यकाल में यह 24वां दौरा होगा. इस दौरान बीएचयू के खेल मैदान पर प्रधानमंत्री की सभा भी होगी.
प्रधानमंत्री मोदी जनसभा स्थल से ही करीब 1582.98 करोड़ रुपए की परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे. इन परियोजनाओं में बिजली, सड़क, पेयजल, सीवरेज सिस्टम, पार्किंग, स्मार्ट सिटी, स्वास्थ्य के साथ स्मार्ट स्कूल, धार्मिक पर्यटन केंद्र, गंगा में क्रूज़ सहित अन्य प्रोजेक्ट शामिल हैं. पीएम बीएचयू के जिमखाना ग्राउंड में लगभग सवा घंटे तक रहेंगे.
वहां से प्रधानमंत्री सिगरा स्थित अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर रुद्राक्ष के लिए चलेंगे. रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर पहुंच कर जापान के राजदूत के साथ रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का उद्घाटन करेंगे. रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर उद्घाटन कार्यक्रम में जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा भी वर्चुअली शामिल होंगे. रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर पर भी 20 मिनट का संबोधन होगा. रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर पर प्रधानमंत्री जापान और जाएका के प्रतिनिधियों, विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के साथ अति विशिष्ट गणमान्य लोगों को को संबोधित करेंगे.
सवा घंटे के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का अवलोकन भी करेंगे. रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर को जापान सरकार ने तैयार करवाया है, यह भारत और जापान की मित्रता का प्रतीक रूप है. रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री फिर बीएचयू जाएंगे. इस दौरान प्रधानमंत्री बीएचयू में तैयार किए गए 100 बेड के एमसीएच विंग का अवलोकन करेंगे. बीएचयू के पहले फ्लोर पर बनाए गए पीडियाट्रिक वार्ड के निरीक्षण के बाद प्रधानमंत्री अफसरों और डॉक्टरों के साथ बातचीत करेंगे. वहीं पर प्रधानमंत्री को प्रशासनिक अधिकारियों की तरफ से संभावित तीसरी लहर के बचाव के बारे में प्रेजेंटेशन भी दिया जाएगा.