नई दिल्ली । कनॉट प्लेस थाना पुलिस ने दो बड़े जालसाज गिरफ्तार किए हैं। आरोपितों में एक खुद को पर्यटन मंत्रालय में आइएएस तो दूसरा पीएमओ में आयुक्त होने आदि का प्रोफाइल बताकर ठगी करते थे। ये लोग दिल्ली, हरियाणा व उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में लोगों को सरकारी विभागों से काम दिलवाकर अथवा लोगों के रुके काम करवा कर उनसे लाखों रुपये ऐंठते थे। एक आरोपित कृष्णा कुमार गौड़ ने तो खुद को आइएएस बता सोशल साइट पर अपना फर्जी प्रोफाइल भी बना रखा है।
कृष्णा कुमार गौड़ के दिल्ली पुलिस के कई विशेष आयुक्त, संयुक्त आयुक्त, दिल्ली हाई कोर्ट के एक जज समेत कई बड़ी हस्तियों से नजदीकी होने का भी पता चला है। वह अक्सर आला अधिकारियों से मिलने दिल्ली पुलिस मुख्यालय जाता था। पुलिस अधिकारी के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपितों में कृष्णा कुमार गौड़ मूल रूप से मथुरा, उत्तर प्रदेश का रहने वाला है, लेकिन गुरुग्राम के बी ब्लॉक, सुशांत लोक, फेज एक में रहकर गोरखधंधे को अंजाम दे रहा था। वह शादीशुदा है, लेकिन पत्नी से विवाद के कारण अकेला रहता है। उसने आइआइआइटी ग्वालियर से पढ़ाई की है। वह खुद को पर्यटन मंत्रालय के अधीन आने वाले एपिरल ट्रेनिंग एंड डिजाइनिंग सेंटर में खुद को आइएएस होने का दावा करता था। रसूख दिखाने के लिए गौड़ भारत सरकार लिखी कार से तो चलता ही था, साथ ही उसने एक प्राइवेट पीएसओ कम ड्राइवर भी रखा था। पीएसओ महिपाल को भी उसकी असलियत का पता नहीं था।
जालसाजी में पकड़े जाने के बाद उसे पता चला तो उसने पुलिस को बताया कि गौड़ अक्सर गुरुग्राम के बड़े होटलों में खुद को आइएएस बताकर मुफ्त में खाना खाता था। फेसबुक प्रोफाइल में उसने खुद को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का कोऑर्डिनेटर होने का भी दावा किया है। उसने प्रोफाइल में राष्ट्रपति भवन के अधिकारियों के साथ कई फोटो हैं।
वहीं, दूसरा आरोपित शिवम चौहान मूल रूप से शामली जिले (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला है, लेकिन सुशांत लोक, फेज वन गुरुग्राम में वह कृष्णा कुमार गौड़ के साथ रहता था। इसके पास से पीएमओ में आयुक्त होने का फर्जी परिचय पत्र बरामद हुआ है। फर्जी परिचय कृष्णा कुमार गौड़ ने ही उसे बनवाकर दिया था।
पुलिस के मुताबिक 11 जुलाई को कनॉट प्लेस स्थित खादी ग्रामोद्योग के कर्मचारी ने एडिशनल डीसीपी नई दिल्ली जिला को शिकायत कर बताया कि शिवम चौहान नाम का शख्स खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय में आयुक्त होने का परिचय देकर चेयरमैन से मी¨टग कराने का दबाव डाल रहा है। पुलिस के कहने पर शिकायतकर्ता ने मी¨टग की तिथि तय कर दी। इस पर 12 जुलाई को शिवम देहरादून के रहने वाले राबी रावत व एक अन्य को लेकर खादी ग्रामोद्योग पहुंच गया।
चेयरमैन से मीटिंग में शिवम ने पहले उन्हें अपना आइकार्ड थमाया, जिसमें प्रधानमंत्री कार्यालय में आयुक्त होने का जिक्र था, फिर उसने चेयरमैन से कहा कि वह राबी व उसके साथ आए शख्स को कोई काम दे दें। पीएमओ से उन्हें काफी फायदा दिलाया जाएगा। इस पर आसपास खड़े पुलिसकर्मियों ने शिवम को हिरासत में लिया। कनॉट प्लेस थाने लाकर सख्ती से पूछताछ करने पर फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ हो गया।
राबी से जब पूछा गया कि वह शिवम को कैसे जानता है तो उसने बताया कि आइआइआइटी ग्वालियर में उसके रूममेट रहे कृष्णा कुमार गौड़ आइएएस ने उसका परिचय कराया था। राबी रावत को पता नहीं था कि कृष्णा आइएएस नहीं है। उसके बाद शिवम के जरिये कृष्णा को थाने बुलाकर दबोच लिया गया। साथ ही उसकी भारत सरकार लिखी हुई कार भी जब्त कर ली गई। दोनों को रिमांड पर लेकर पुलिस पूछताछ कर यह पता करने की कोशिश कर रही कि इन्होंने कितने लोगों से ठगी की है। जांच से पता चला है कि दिल्ली पुलिस युवा स्कीम के तहत जो कार्यक्रम करती है। कृष्णा ही उसका आयोजन करता था। इसलिए उसका अक्सर मुख्यालय में आला अधिकारियों के पास आना जाना था।