दस्तक टाइम्स एजेन्सी/ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राजनीति में आने से पहले किसी रामलीला पार्टी में काम करते थे और वह किस प्रकार की भूमिका निभाते थे?
इस तरह के कई आरटीआई आवेदन पीएमओ के लिए सिरदर्द बन गए हैं। पीएमओ आरटीआई विभाग से एेसी सूचनाएं मांगी जा रही है, जिनका पीएमओ से कोई लेना-देना नहीं है।
आरटीआई से पूछा जा रहा है कि पीएम मोदी का मोबाइल नंबर क्या है?, मोदी कौन सा मोबाइल यूज करते हैं? इतना ही नहीं इस बात की भी सूचना मांगी गई है कि पीएमओ में सब्जी कौन लाता है, कितने गैस सिलेंडर इस्तेमाल हुए हैं? जवाब में कहा गया कि प्रधानमंत्री खुद रसोई का खर्च उठाते हैं, क्योंकि वो इसे व्यक्तिगत खर्च मानते हैं। 2015 में करीब 13 हजार एेसे आवेदन मिले।
सूचनाएं और जवाब
अधिकारियों के मुताबिक इन सभी सवालों का जवाब दिया जा रहा है।
सवाल : इंटरनेट की स्पीड कितनी है? इसका बिल कौन चुकाता है?
जवाब : स्पीड 34 एमबीपीएस है, और इसका खर्च टेलीफोन के बिल का ही एक भाग है जिसका खर्च दफ्तर चुकाता है।
सवाल : पीएम को खाने में क्या पसंद है?
जवाब : पीएम को गुजराती खाना पसंद है। उन्हें अपने कुक बद्रीलाल मीणा की बनाई बाजरे की रोटी और खिचड़ी भी पसंद है।
सवाल : पीएम मोदी की दिनचर्या क्या है?
जवाब : आरटीआई एक्ट सेक्शन 8(1) के तहत सुरक्षा कारणों से इसकी जानकारी नहीं दी जा सकती।
सवाल : प्रधान सचिव नृपेन्द्र मिश्रा किसके साथ पिकनिक पर गए थे?
जवाब : पीएमओ या पीएम के प्रिंसिपल सेक्रेटरी कभी अपने स्टाफ के साथ पिकनिक पर नहीं गए।
वही, कई सवालों के जवाब नहीं दिए गए। इनके पीछे सुरक्षा कारणों का हवाला दिया गया, जैसे मोदी को ग्रेजुएशन में कितने फीसदी नंबर मिले थे, उनको सलाह कौन देता है, अगर मोदी संविधान के खिलाफ जा रहे हैं तो कौन रोकने की सलाह देता है जैसे सवालों के जवाब नहीं दिए गए।