नई दिल्ली : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने प्रधानमंत्री की डिग्री वाले मामले पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने रविवार को कहा कि पीएम की डिग्री कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है। नासिक में रिपोर्टर्स से बातचीत में उन्होंने कहा कि देश के सामने आज महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दे हैं। एनसीपी चीफ ने कहा, ‘क्या देश के सामने डिग्री ही एक बड़ा सवाल है? क्या आपकी डिग्री या मेरी डिग्री मायने रखती है? यह कोई राजनीतिक मुद्दा है क्या? बड़े सवाल महंगाई, बेरोजगारी, कानून और व्यवस्था से जुड़े हुए हैं। केंद्र सरकार को लेकर उन मुद्दों पर निशाना बनाना चाहिए।’ शरद पवार का यह बयान आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
दरअसल, आप की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी की डिग्री का मुद्दा हाल के दिनों में जोरशोर से उठाया गया है। आप ने रविवार को ‘डिग्री दिखाओ कैंपेन’ शुरू किया जिसके तहत पार्टी के नेता हर दिन जनता के साथ अपनी शैक्षणिक योग्यता साझा करेंगे। गौरतलब है कि गुजरात हाई कोर्ट ने हाल में केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) के 2016 के उस आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें गुजरात विश्वविद्यालय को पीएम मोदी की डिग्री के बारे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जानकारी उपलब्ध कराने को कहा गया था। एचसी ने इस मामले में आवेदक केजरीवाल पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था। इसके बाद से ही आईआईटी से पढ़ाई करने वाले और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख केजरीवाल व उनकी पार्टी ने इस मुद्दे पर फिर से हमला करना शुरू किया है।
यह ऐसा दूसरा मौका है जब शरद पवार ने हाल के दिनों में दूसरे विपक्षी दलों से अलग राय जाहिर की है। इससे पहले वह उद्योगपति गौतम अडानी को लेकर हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर अलग रुख अख्तियार कर चुके हैं। उन्होंने शनिवार को कहा कि वह अडानी ग्रुप के खिलाफ आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से जांच के पूरी तरह से खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट की एक समिति अधिक उपयुक्त और प्रभावी होगी। इससे पहले उन्होंने अडानी को लेकर टिप्पणी की थी जिसके बाद विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की पूरी कवायद को लेकर सवाल खड़ा हो गया। सीनियर सहयोगी पार्टी कांग्रेस से अलग रुख अपनाते हुए पवार ने कहा कि उन्होंने अडानी समूह के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए SC की समिति का समर्थन किया।
एनसीपी प्रमुख ने शुक्रवार को ‘एनडीटीवी’ को दिए इंटरव्यू में अडानी ग्रुप का बचाव किया था और हिंडनबर्ग रिसर्च को लेकर कहा कि भारतीय कारोबारी समूह को निशाना बनाया गया है। पवार ने यह भी कहा कि उन्हें अमेरिका स्थित ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ के पिछले इतिहास की जानकारी नहीं है, जिसने गौतम अडानी की कंपनियों के शेयर में हेरफेर का आरोप लगाया है। मालूम हो कि अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च ने अरबपति गौतम अडाणी के कारोबारी समूह के शेयर और लेखांकन में बड़े पैमाने पर हेराफेरी का आरोप लगाया था। इसके बाद से ही कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। अडानी ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया है।