मुंबई। वित्त वर्ष 2015-16 की चौथी तिमाही में पंजाब नेशनल बैंक को 5,367 करोड़ रुपए का भारी-भरकम घाटा हुआ। भारत में यह किसी बैंक को अब तक का सबसे बड़ा तिमाही घाटा है। वित्त वर्ष 2014-15 की चौथी तिमाही में पीएनबी ने 307 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया था।
जनवरी-मार्च तिमाही में पीएनबी की ब्याज आय 27 फीसदी घटकर 2,768 करोड़ रुपए रह गई। एक साल पहले इसी अवधि में इस दिग्गज सरकारी बैंक की ब्याज आय 3,792 करोड़ रुपए रही थी।
तिमाही दर तिमाही आधार पर जनवरी-मार्च तिमाही में पीएनबी का ग्रॉस एनपीए 8.47 फीसदी से बढ़कर 12.9 फीसदी हो गया। इस दौरान बैंक का नेट एनपीए 5.86 फीसदी से बढ़कर 8.61 फीसदी के स्तर पर पहुंच गया।
रुपए में जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान पीएनबी का ग्रॉस एनपीए 34,338 करोड़ रुपए से बढ़कर 55,818 करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान बैंक का नेट एनपीए 22,983 करोड़ रुपए से बढ़कर 35,423 करोड़ रुपए हो गया।
तिमाही दर तिमाही आधार पर बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में पीएनबी की प्रोविजनिंग 3,775 करोड़ रुपए से बढ़कर 10,485 करोड़ रुपए की हो गई। साल दर साल आधार पर जनवरी-मार्च तिमाही में पीएनबी का टैक्स राइट-बैक 938 करोड़ रुपए से बढ़कर 1,890 करोड़ रुपए हो गया।
सालाना आधार पर जनवरी-मार्च तिमाही में पीएनबी के डिपॉजिट 10.3 फीसदी बढ़कर 5.5 लाख करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच गए। इस दौरान बैंक की ओर से बांटे गए लोन की रकम 8.3 फीसदी बढ़कर 4.1 लाख करोड़ रुपए हो गई।