PNB से 11,300 करोड़ ‘लूटनेवाले’ नीरव मोदी के बारे में जानिए
साल 2010 में खुदरा व्यवसाय की देर से की गई शुरुआत के बावजूद नीरव मोदी ने बड़ी तेजी से हॉलीवुड स्टार्स के इंडियन जूलर के रूप में प्रतिष्ठा अर्जित कर ली। कैट विंस्लट तथा डकोरा जॉन्सन से लेकर टराजी पी हेन्सन तक, हॉलीवुड की टॉप स्टार्स नीरव के ब्रैंड के हीरे पहनकर रेड कार्पेट पर बलखा चुकी हैं। पिछले साल प्रियंका चोपड़ा ब्रैंड ऐंबैसडर बनीं। इन सबके बीच 2013 तक नीरव अरबपतियों की फोर्ब्स लिस्ट में जगह बना चुके थे। लेकिन, उनके खिलाफ बैंक फर्जीवाड़े से उनके ब्रैंड की चमक धूमिल हो गई है।
48 वर्षीय नीरव मोदी बेल्जियम के शहर ऐंटवर्प में हीरे का ही कारोबार करनेवाले परिवार से आते हैं। वह कारोबारी माहौल में ही पले-बढ़े। वह पत्रकारों से अक्सर कहा करते थे कि वह इस व्यवसाय से जुड़ना नहीं चाहते हैं। वह वॉर्टन गए, एक साल फाइनैंस की पढ़ाई की और फेल हो गए और आखिरकार वह हीरे के व्यापार में उतर पड़े।
इससे पहले 19 वर्ष की उम्र में उन्हें अपने मामा और गीतांजली जेम्स के चेयरमैन मेहुल चौकसी के पास मुंबई भेजा गया था ताकि वह हीरा कारोबार की कुछ जानकारी ले सकें। साल 1999 में उन्होंने दुर्लभ हीरों के व्यापार के लिए फायरस्टार डायमंड नाम की कंपनी स्थापित की और कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों का अधिग्रहण कर लिया जिससे उनका नेटवर्क काफी तगड़ा हो गया। इसी मजबूत नेटवर्क की वजह से उन्होंने कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग में कदम रख दिया।
पिछले साल उन्होंने मुंबई के प्रतिष्ठित म्यूजिक शॉप रीदम हाउस को कथित तौर पर 32 करोड़ रुपये में खरीद लिया था। मृदुभाषी और संकोची स्वभाव के नीरव मोदी ने रणनीति के तहत 2009 की विश्वव्यापी मंदी के दौरान मोल तोल कर काफी दुर्लभ हीरे खरीद लिए जिससे उन्हें बड़ा फायदा हुआ। नवंबर 2010 में ब्रिटिश ऑक्सन हाउस क्रिस्टीज ने मोदी के 12 कैरट के गोलकुंडा डायमंड से युक्त गोलकुंडा लोटस नेकलेस को अपने कैटेलॉग के कवर पर जगह दी और नीलामी की रकम 16 करोड़ रुपये से ज्यादा रखी। 100 साल से कम के इतिहास वाले किसी भारतीय जूलर के लिए यह पहला मौका था जब क्रिस्टीज ने उसके लिए बोली लगवाई हो।