नई दिल्ली: झारखंड में नियोजन नीति,स्थानीय नीति, ओबीसी आरक्षण हटाए जाने के खिलाफ छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया. छात्र राज्य सरकार की नई नियोजन नीति, स्थानीय डोमिसाइल नीति समेत विभिन्न मांगों को लेकर विरोध कर रहे हैं. गुरुवार को छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर विधानसभा का घेराव करने का प्रयास किया. आरोप है कि प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने पुलिस बैरिकेडिंग तोड़ा और वहां मौजूद पुलिस कर्मियों पर भी पथराव किया.
झारखंड के विभिन्न छात्र संगठनों ने गुरुवार को नियोजन नीति,स्थानीय नीति, ओबीसी आरक्षण सहित विभिन्न मांगों को लेकर राज्यभर के छात्र विधानसभा का घेराव करने पहुंचे थे. छात्रों को रोकने के लिए पुलिस ने बड़े पैमाने पर बैरिकेडिंग की थी, जिसे ध्वस्त करते हुए छात्रों का समूह झारखंड विधानसभा की ओर बढ़ा. छात्रों को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज के साथ-साथ आंसू गैस के गोले दागे. आक्रोशित छात्रों के ने पुलिसकर्मियों पर जमकर पत्थरबाजी की, जिसमें कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं.
बता दें कि राज्य के विभिन्न जिलों से जुटे छात्रों का समूह विधानसभा का घेराव करने से पहले शहीद मैदान में जुटा. इसके बाद प्रदर्शनकारी छात्रों का समूह आगे बढ़ते हुए जगन्नाथ मंदिर के पास लगे बैरिकेड को तोड़कर विधानसभा के बगल वाले खेत तक पहुंच गये. पुलिस प्रशासन ने छात्रों को रोकने की तमाम कोशिश की लेकिन जब वे नहीं माने तो पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया.
बता दें कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली कैबिनेट के द्वारा नई नियोजन नीति लेकर आयी है. इसकी तर्ज पर राज्य सरकार की नियुक्तियों में 60 :40 का मानकर लागू कर दिया है. राज्य के 60 फ़ीसदी पदों पर झारखंड के स्थानीय मूल निवासियों को जबकि 40 फ़ीसदी को ओपन फॉर ऑल कर दिया गया है, जिसका छात्र संगठन विरोध कर रहे थे.
इसके साथ ही कई जिलों से ओबीसी आरक्षण को हटा दिया गया है. इसे लेकर भी विद्यार्थी नाराज हैं और लगातार सड़कों पर आंदोलनरत हैं. छात्रों का कहना है कि जिस सरकार ने पांच लाख नियुक्तियां करने की बात कही थी. वहीं नियोजन नीति तक सरकार स्पष्ट नहीं कर सकी है. सरकार ने जो नियोजन नीति बनायी, उसे कोर्ट ने रद्द कर दिया. फिर जो नियोजन नीति सामने है, उसमें विसंगतियां हैं. वर्तमान की नियोजन नीति में राज्य के युवाओं के भविष्य की सुनिश्चितता नहीं है. बीते दो दिनों में जो वेकेंसी निकाली गई है, उसमें भी कई तरह की गड़बड़ियां हैं. राज्य सरकार ने जिलावार आरक्षण रोस्टर जारी किया है, उसमें भी विसंगतियां हैं.