पोलैंड के सीमा रक्षकों और यूक्रेनी बलों ने भारतीय छात्रों के साथ किया ऐसा बर्बर व्यवहार
संयुक्त राष्ट्र । बेलारूस (Belarus) ने दावा किया कि पोलैंड (Poland) के सीमा रक्षकों ने 26 फरवरी को करीब 100 भारतीय छात्रों ( Indian Students) के समूह को पीटा था और उन्हें यूक्रेन (Ukraine ) में वापस धकेल दिया था। इसके बाद उन्हें रोमानिया के शरणार्थी शिविरों में रखा गया था। वहीं भारत स्थित रूसी दूतावास के अनुसार भारतीय छात्रों को यूक्रेनी सुरक्षा बलों द्वारा उन्हें ह्यूमन शील्ड के रूप में इस्तेमाल करने और रूस पहुंचने से रोकने के लिए बंधक बनाया गया।
इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र में बेलारूस के राजदूत वैलेन्टिन रयबाकोव ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक बयान देते हुए यह टिप्पणी की। वहीं, संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के राजदूत सर्गेई किस्लिट्रिसया ने कहा कि उनके देश में रूसी सैन्य अभियान में एक भारतीय नागरिक मारा गया और एक चीनी नागरिक घायल हो गया। मालूम हो कि भारत यूक्रेन के पश्चिमी पड़ोसियों जैसे रोमानिया, हंगरी और पोलैंड से विशेष उड़ानों के माध्यम से अपने नागरिकों को निकाल रहा है क्योंकि 24 फरवरी से यूक्रेन का हवाई क्षेत्र बंद है।
भारत में यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिख ने संकट के समय में भारत से मदद की गुहार लगाई है। वसंतकुंज स्थित यूक्रेन दूतावास पर पोलिख ने कहा कि वह यूक्रेन में फंसे भारतीयों के लिए दुआ कर रहे हैं। जिस तरह से हिंदुओं के काशी और सिखों के लिए अमृतसर धर्मस्थल है, उसी तरह यूक्रेनी नागरिकों के लिए राजधानी कीव भी धर्मस्थल है। रूस की सेना तेजी से कीव की तरफ बढ़ रही है। इस संकट से बचने के लिए भारत यूक्रेन की सहायता करे।
पोलिख ने कहा कि यूक्रेन में हालात बहुत मुश्किल हैं। रूस के हमलों में यूक्रेन के आम नागरिक भी मारे जा रहे हैं। शुरुआती अनुमान के अनुसार अब तक दो हजार आम लोगों की जान गई है। उन्होंने कहा कि चार दिन बाद बड़ी मुश्किल से उनका वहां फंसी अपनी बेटी से संपर्क हो पाया है। इसलिए इस संकट काल में उन्हें भारत से मदद की उम्मीद है। इस दौरान यूक्रेन के लोगों ने कैंडल जलाकर युद्ध में मारे गए अपने नागरिकों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि उन्हें बताया गया है कि महाराष्ट्र के सर्वोदय समाज के लोग यूक्रेन में शांति की कामना करते हुए एक दिन का उपवास रखेंगे।