दे दना दन…चिट्ठी आयी है…बसें लायी है ?
यूपी : बसों के नाम पर राजनीतिक-रार, बसों पर मजदूर नहीं सियासत सवार
- “योगी – प्रियंका में घमासान, अन्य पार्टियां परेशान,
- राजधानी के हजरतगंज थाने में प्रियंका के निजी सचिव संदीप सिंह और यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार ‘लल्लू’ पर हुआ मुकदमा
लखनऊ: कोरोना अपनी जगह है, अपना काम कर रहा है, लोग घबराये हैं, भाग रहे हैं, हलकान हैं, परेशान हैं, पर राजनीति अपनी जगह है, वैसी ही बेशर्म और स्वार्थी जैसी हमेशा से थी ………पैदल लौटने को मजबूर मजदूरों की बेबसी को राजनीतिक दलों ने तमाशा बना दिया है। सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस के बीच ‘तथाकथित’ 1000 कांग्रेसी बसों को लेकर पिछले कई दिनों से जो सियासती तकरार चल रही थी मंगलवार को इसमें चिट्ठियों के वार से और तेजी आयी। अप्रवासी श्रमिकों को लेकर भले ही एक भी बस न चल पायी हो पर उत्तर प्रदेश शासन के एक ताकतवर नौकरशाह और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के निजी सचिव के बीच चिट्ठियां सियासती गलियारों में लगातार फर्राटा भर रही हैं।
अप्रवासी श्रमिकों के नाम पर शुरू इस राजनीतिक युद्ध में अब तक जहां मामला उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के बीच था, वहीं इस घमासान को परवान चढ़ते देख अब पक्ष-विपक्ष के तमाम बयानवीर और नेतागण इसमें कूद गए हैं। सरकार के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा से लेकर मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और डॉ महेन्द्र सिंह तक, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार ‘लल्लू’ से लेकर वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी तक सब बसों वाली राजनीति के सफर पर निकल पड़े हैं। अब तक जो घमासान अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका के निजी सहायक संदीप सिंह की चिट्ठियों से चल रहा था, अब उसमे पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और अखिलेश यादव भी अपना ‘श्रमिक प्रेम’ लेकर शामिल हो गए हैं। मायावती जहां कांग्रेस को राय देकर मजदूरों के दर्द को कम करना चाहती हैं, वहीं अखिलेश यादव प्रदेश भर की स्कूली बसों के उपयोग की सलाह सरकार को देकर खुद को श्रमिक-साथी साबित करने पर लगे हैं।
इस मामले में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह की ओर से लिखे गए अब तक के आख़िरी पत्र में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी से कहा गया है कि “मंगलवार को 11 बजकर 5 मिनट पर लिखे गए पत्र में आपने हमसे सभी बसें नोएडा और गाजियाबाद पहुंचाने का आग्रह किया। हम बसों को लेकर लगभग तीन घंटे से यूपी बॉर्डर पर, ऊंचा नगला पर खड़े हैं। हालांकि, आगरा प्रशासन हमें अंदर घुसने नहीं दे रहा है।’ खत में यह भी लिखा है, ‘हम एक फिर आपसे कहना चाहते हैं कि यह वक्त संवेदनशीलता दिखाने का है। आप तुरंत हमारी सभी बसों को अनुमति पत्र भेजिए ताकि हम आगे बढ़ सकें।’ यह पत्र तकरीबन 3 बजकर 45 मिनट पर लिखा गया था। इससे पहले कई दिनों से लगातार ‘पत्रों-के-वार’ वाला ‘पत्र-व्यवहार’ अवनीश अवस्थी और संदीप सिंह के बीच जारी था।
‘पत्रों-के-वार’ वाला ‘पत्र-व्यवहार’ अब पहुंचा एफआईआरतक : सूत्र
देर शाम मिली जानकारी के अनुसार ‘पत्रों-के-वार’ वाला यह ‘पत्र-व्यवहार’ अब एफआईआर तक पहुँच गया है। राजधानी लखनऊ के हजरतगंज थाने में प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा भी दर्ज हो गया है। इस एफआईआर का आधार बसों की सूची पायी गयी गड़बड़ी को बनाया गया है। अब यह मामला लगातार राजनीति के असली रूप और रंग के दर्शन करा रहा है। श्रमिकों का हितैषी कौन है यह सवाल तो अपनी जगह पर एक दूसरे को ओछा बताने में कोई पीछे नहीं है।
सत्तापक्ष
पूरे दिन कांग्रेस पर हमलावर रहा सत्तापक्ष
सरकार द्वारा बसों को मंजूरी दिए जाने के बाद मंगलवार को सत्तापक्ष की ओर से दिनभर कांग्रेस पर बसों की सूची और बयानों को लेकर फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया जाता रहा। कहा गया कि जिन 1000 बसों की लिस्ट कांग्रेस ने दी है, उनमें जो गाड़ियों के नंबर हैं, वे स्कूटर, मोटरसाइकल, कार, तीन पहिया वाहनों के नाम पर दर्ज हैं। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने इसे आपराधिक कृत्य बताया है तो कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और डा. महेंद्र सिंह ने इसे प्रियंका का गैर जिम्मेदाराना रवैया करार देते हुए मजदूरों के साथ भद्दा और क्रूर मजाक बताया है।
व्यवधान लगाकर जनता को गुमराह कर रही कांग्रेस : उपमुख्यमंत्री
उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह व्यवधान लगाना और जनता को गुमराह करना जानती है। ये आपराधिक कृत्य है। कांग्रेस नाइंसाफी कर रही है। काम की बजाय टिप्पणी करना कांग्रेस की पुरानी आदत है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी में बसों और बाकी चीजों की कोई कमी नहीं है। सबसे ज्यादा प्रवासियों को यूपी सरकार लाई है और अभी ला रही है। 900 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें यूपी के लिए लगाई गई। अब तक 10 लाख से ज्यादा लोग ट्रेन से अपने घर को आ चुके हैं। जबकि 12 हजार बसों से 6 लाख से ज्यादा लोग आए हैं। राजस्थान, महाराष्ट्र की हालत बद से बदतर है। कांग्रेस प्रवासियों के भोजन, चेकअप की व्यवस्था नहीं कर पा रही है। 60 साल से ज्यादा शासन कर कांग्रेस ने सिर्फ बेरोजगारी दी है। हम स्क्रीनिंग के साथ स्किलिंग भी करा रहें ताकि रोजगार मिल सके। सपा, बीएसपी और कांग्रेस महामारी में क्रूर मजाक कर रही हैं।
राहुल और प्रियंका की कांग्रेस फर्जीवाड़ा पार्टी है : सिद्धार्थनाथ सिंह
कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि प्रियंका वाड्रा ने जो बसों की सूची भेजी है, उसमें थ्रीव्हीलर, आटो रिक्शा, एंबुलेंस व टाटा मैजिक निकल रही है। भारत सरकार के वाहन पोर्टल पर राहुल और प्रियंका के फर्जीवाड़ा का खुलासा हो चुका है। कांग्रेस को श्रमिकों से कोई संवेदना नहीं, कोई सेवाभाव नहीं है। उन्होंने कहा कि राहुल और प्रियंका की कांग्रेस फर्जीवाडा पार्टी है। इनके अंदर कोई संवेदनशीलता नहीं है। सदियों से पार्टी का ये रवैया रहा है। संवेदनशील मुद्दों पर भी ये असंवेदनशील रहते हैं। राहुल और प्रियंका की मां सोनिया गांधी को बयान देना चाहिए ये कैसे हुआ। क्या वो खुद भी इसमें शामिल हैं। कांग्रेस चोरी भी करती है फिर सीना जोरी करती है।
प्रियंका ने बस के नाम पर मजदूरों के साथ किया भद्दा और क्रूर मजाक : डा.महेंद्र सिंह
मंत्री डा. महेंद्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में एक आदर्श व्यवस्था दी है, जो पूरे देश के लिए नजीर बन रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की इस व्यवस्था से विपक्षी बौखलाए हुए हैं। प्रियंका वाड्रा ने पहले तो 1000 बसें चलाने की अनुमति मांगी, इसके बाद कांग्रेस ने लिखित झूठ बोला। सरकार को जो बसों की सूची दी गई है, उसमें अधिकतर स्कूटर, टाटा मैजिक और एम्बुलेंस का नंबर शामिल है। उन्हेंने कहा कि यह एक आपराधिक कृत्य है। ये सरकार और मजदूरों के साथ भद्दा और क्रूर मजाक है। कांग्रेस के घोटालों में यह बस घोटाला प्रियंका गांधी के द्वारा किया गया है।
कांग्रेस
कांग्रेस ने सरकार पर उलझाने के आरोप जड़े
योगी चाहें तो भाजपा का बैनर लगाकर चला लें कांग्रेस की बस : प्रियंका गांधी वाड्रा
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस मसले पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने अब हद कर दी है।
प्रियंका ने ट्वीट कर कहा कि जब राजनीतिक परहेजों को परे करते हुए त्रस्त और असहाय प्रवासी भाई बहनों को मदद करने का मौका मिला तो दुनिया भर की बाधाएँ सामने रख दिए।
इसके साथ ही प्रियंका ने योगी आदित्यनाथ को टैग करते हुए कहा है कि योगी जी चाहें तो इन बसों पर भाजपा का बैनर और पोस्टर लगा कर चला दीजिए। लेकिन हमारे सेवा भाव को मत ठुकराइये।
उन्होंने ट्वीट किया,“उप्र सरकार का खुद का बयान है कि हमारी 1049 बसों में से 879 बसें जाँच में सही पायीं गईं। ऊँचा नागला बॉर्डर पर आपके प्रशासन ने हमारी 500 बसों से ज्यादा बसों को घंटों से रोक रखा है। इधर दिल्ली बॉर्डर पर भी 300 से ज्यादा बसें पहुँच रही हैं। कृपया इन 879 बसों को तो चलने दीजिए”
प्रियंका का अगला ट्वीट था “हम आपको कल 200 बसें की नयी सूची दिलाकर बसें उपलब्ध करा देंगे। बेशक आप इस सूची की भी जाँच कीजिएगा। लोग बहुत कष्ट में हैं। दुखी हैं। हम और देर नहीं कर सकते।”
योगी सरकार पूरी तरह गरीब मजदूर विरोधी : प्रमोद तिवारी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर प्रवासी गरीब मजदूरों को तकनीकी आधार पर प्रताड़ित करने और इस महामारी के दौरान घृणित राजनीति करने का आरोप लगाया है।
उन्होने कहा कि प्रदेश की योगी सरकार पूरी तरह गरीब मजदूर विरोधी है। कांग्रेस पार्टी की मंशा मजदूरों को लेकर पूरी तरह साफ है। कई राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को ट्रेनों से उनके घरों तक पहुंचाने के लिए श्रमिकों के टिकट की व्यवस्था कांग्रेस पार्टी ने कराई है और करा रही है। उप्र के बार्डर पर लाखों की संख्या में श्रमिक अपने घरों को आना चाहते हैं जिसके लिए कांग्रेस पार्टी ने 1000 बसों की व्यवस्था कराई है जिसे प्रदेश की योगी सरकार तकनीकी तौर पर उलझाकर चलाने की अनुमति नहीं दे रही है।
उन्होने कहा कि पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने 16 मई को पत्र लिखकर 1000 बसें चलाने की अनुमति मांगीं थीं। उस पत्र को प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू एवं नेता विधानमंडल दल आराधना मिश्रा के नेतृत्व में पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री कार्यालय को पत्र ले जाकर दिया गया जिस पर दो दिन बाद सरकार के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह को पत्र भेजकर बसों का विवरण, फिटनेस, चालक एवं परिचालक के नामों की सूची मांगी। जिसे कांग्रेस पार्टी ने तत्काल 1000 से अधिक बसों की सूची सरकार को उपलब्ध करा दिया।
प्रमोद ने आगे कहा कि मंगलवार को फिर सरकार ने अपनी कुटिल राजनीति खेली और कहा कि दोपहर 12 बजे तक बसों को नोएडा, गाजियाबाद में सौंपे। अब जब बसें बार्डर पर पहुंच रही हैं तो स्थानीय प्रशासन कह रहा है कि उन्हें ऊपर से कोई सूचना नहीं है। एक तरफ मुख्य सचिव यह फरमान देते हैं कि बसों को नोएडा, गाजियाबाद ले आओ दूसरी तरफ हमारी बसों को उ0प्र0 में घुसने से मना किया जा रहा है। यह उ0प्र0 सरकार की तानाशाही का चरम नमूना है।
अन्य पार्टियां
अखिलेश और माया भी लड़ाई में कूदे
यूपी में ही लगभग एक लाख बसें, इनका उपयोग क्यों नहीं किया गया? : अखिलेश
बसों पर हो रही सियासत में भाग लेते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि यूपी में भाजपा राज में गरीब होना जुर्म हो गया है। सरकार के एक मंत्री को मजदूरों को चोर डकैत बताते शर्म नहीं आई। जो श्रमिक प्रदेश की सीमा में आ गए हैं उनकी विवशता पर रहम करें। उन्हें घर पहुंचाने के नाम पर अपमानित न करे। उनके साथ मानवता दिखाते हुए राजधर्म का पालन करे।
उन्होंने कहा कि श्रमिक बुरी तरह चकरायें हुए हैं कि बसों की व्यवस्था कब, कहां और किसकी है। इस चक्कर में श्रमिकों की शामत आ गयी है। अखिलेश ने कहा कि यूपी में ही स्कूलों आदि को मिलाकर लगभग एक लाख बसें हैं, इनका उपयोग क्यों नहीं किया गया? टीम-11 को राज्य की सरकारी और प्राईवेट बसों की संख्या भी ठीक से पता नहीं है।
मायावती ने भी किये तीन ट्वीट
इससे बीच बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को तीन टवी्ट करके केंद्र सरकार, राज्य सरकारों तथा कांग्रेस को निशाने पर लिया। अपने पहले टवी्ट मे मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार से अपील है कि वह राज्यों की आर्थिक स्थिति को खास ध्यान में रखकर तथा मानवता व इंसानियत के नाते भी खुद अपने खर्च से श्रमिक प्रवासियों को बसों व ट्रेनो आदि से सुरक्षित भिजवाने के लिए जरूर सकारात्मक कदम उठायें।
मायावती ने दूसरा टवी्ट राज्य सरकारों को किया। जिसमें उन्होंने कहा कि राज्यों की सरकारों से भी यह कहना है अपने-अपने राज्यों में श्रमिक प्रवासियों की खाने व ठहरने तथा उन्हे सरल प्रक्रिया के जरिये बसों व ट्रेनों आदि से भेजने की उचित व्यवस्था जरूर करे।
तीसरे टवी्ट में कांग्रेस का जिक्र करते हुए कहा है कि अगर कांग्रेस पार्टी के पास वास्तव में 1000 बसें है तो उन्हें लखनऊ भेजने में कतई भी देरी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यहां भी श्रमिक प्रवासी लोग भारी संख्या में अपने घरों में जाने का काफी बसब्री से इन्तजार कर रहे है।
इससे पहले मायावती ने रविवार को टवी्ट करके कहा था कि बेहतर होगा कि कांग्रेस अपनी 1,000 बसें यूपी भेजने के बजाए, उन्हें पहले पंजाब व चण्डीगढ़ ही भेज दें, ताकि वहां के पीड़ित श्रमिक यमुना नदी में अपनी जान जोखिम में डालने के बजाए सड़क के जरिये सुरक्षित यूपी पहुंच सकें।