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राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू पर सीएम हेमंत सोरेन के ट्वीट से झारखंड में सियासी हलचल

रांची : राष्ट्रपति पद की एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के सोमवार को रांची पहुंचने के ठीक पहले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के एक ट्विट ने राज्य की राजनीति में नए समीकरणों का संकेत दे दिया है। सुबह 10 बजकर 55 मिनट पर किए गए ट्वीट में हेमंत सोरेन ने कहा है, “एनडीए से राष्ट्रपति उम्मीदवार आदरणीय श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी आज झारखंड आ रही हैं। भगवान बिरसा की पावन धरती पर उनकी हार्दिक स्वागत है। आदरणीय द्रौपदी मुर्मू जी को हमारी ओर से अनेक-अनेक शुभकामनाएं और जोहार।”

झारखंड मुक्ति मोर्चा यूपीए फोल्डर की पार्टी है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इसके कार्यकारी अध्यक्ष हैं। पार्टी ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर आधिकारिक तौर पर अपने स्टैंड का एलान नहीं किया है, लेकिन मुख्यमंत्री के ट्वीट को इस बात का स्पष्ट संकेत माना जा रहा है कि पार्टी एनडीए प्रत्याशी को अपना समर्थन देगी।

रांची पहुंची द्रौपदी मुर्मू की मुख्यमंत्री और झामुमो के नेताओं से मुलाकात होगी या नहीं, इसका कार्यक्रम अब तक तय नहीं है। वह रांची के एक होटल में एनडीए के सांसदों और विधायकों के साथ बैठक में भाग लेने के लिए अपराह्न् 12.40 बजे रांची पहुंचीं।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ट्विट को सियासी गलियारे में एनडीए और झामुमो के बीच सॉफ्ट रिलेशनशिप की शुरूआत माना जा रहा है। इससे राज्य में सत्ता के समीकरणों पर कितना असर पड़ेगा, इसपर कयासों का सिलसिला शुरू हो गया है।

सनद रहे कि झामुमो इसके पहले विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी चयन के लिए आयोजित बैठक में शामिल हुआ था, लेकिन इसके बाद से उसने इस फोल्डर से दूरी बना ली। विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के नामांकन के दौरान भी पार्टी की ओर से कोई नेता शामिल नहीं हुआ। इसके पहले मुख्यमंत्री और झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। लगभग एक घंटे तक चली मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर हेमंत सोरेन ने मीडिया से सिर्फ इतना कहा था कि जो कुछ भी हो रहा है, वह सबकी आंखों के सामने है। बाकी बातें ब्रेक के बाद होंगी।

सोरेन ने इस ‘डिप्लोमैटिक’ जवाब से एनडीए के प्रति अपने रुख में नरमी का संकेत दे दिया था। हालांकि उन्होंने इसी दिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से भी मुलाकात की थी। माना जा रहा है कि उन्होंने कांग्रेस को राष्ट्रपति चुनाव को लेकर पार्टी के संभावित रुख से अवगत करा दिया था।

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