लखनऊ (ब्यूरो): उत्तर प्रदेश पुलिस के मोस्टवांटेड अपराधी विकास दुबे की शुक्रवार को पुलिस अभिरक्षा में मुठभेड़ के दौरान हुयी मौत पर सवाल खड़े करते हुये विपक्ष ने सरकार पर प्रहार करने शुरू कर दिये हैं।
समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुठभेड़ को फर्जी करार देते हुये ट्वीट किया “ दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज़ खुलने से सरकार पलटने से बचाई गयी है। ”
उधर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने ट्वीट किया “जिसका था अंदेशा वही हो गया,कानपुर काण्ड का मुख्य आरोपी विकास दुबे अगर मुँह खोलता तो कई बड़े नेता और अफ़सर नहीं रहते अपना मुँह खोलने लायक! कोई तो बड़ा शख़्स है,इसके पीछे जो नहीं चाहता था कि विकास दुबे मजिस्ट्रेट के सामने सच्चाई बताता उससे पहले बंद कर दी गयी वो ज़ुबान। ”
एक और ट्विट कर ओम प्रकाश राजभर ने कानून व्यवस्था पर प्रश्न उठा दिया है जिसमें राजभर ने लिखा है शहीद पुलिसकर्मियों को न्याय मिला कहाँ? शहीदों को न्याय तब मिलता जब विकास दुबे से जुड़े पुलिस और नेताओं का पूरा सिंडिकेट बेनकाब होता। #विकास_दुबे के साथ न्याय की उम्मीद दफ़न हो गई। पहले चिट्ठियाँ ग़ायब, सबूत दफन,विकास दुबे ने योगी सरकार का असली चेहरा जनता के सामने लाकर रख दिया।
कानून व्यवस्था के मामले में इन दिनोे यूपी सरकार के खिलाफ काफी मुखर रहने वाली कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के अलावा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है।
गौरतलब है कि कानपुर में चौबेपुर के बिकरू गांव में दो जुलाई की रात दबिश देने गयी पुलिस टीम पर विकास और उसके गुर्गो ने जमकर फायरिंग की थी जिसमें आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गये थे जबकि सात घायल हो गये थे। विकास पर इससे पहले 60 से अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज थे।