विपक्षी दलों की पटना में होने वाली बैठक को लेकर सियासत गर्म
पटना। बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों की बैठक को लेकर राजद और जदयू के नेता जहां तैयारियों में जुटे हैं, वहीं राजनीतिक पार्टियों में जुबानी जंग भी तेज होती जा रही है। बिहार के सत्ताधारी महागठबंधन के नेता जहां बैठक को लेकर भाजपा पर निशाना साध रहे हैं, वहीं भाजपा के नेता इस बैठक को लेकर बिहार को इससे होने वाले फायदे की बात पूछ रहे हैं। बिहार विधानमंडल में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने विपक्षी दलों की बैठक को लेकर कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विवशता और लाचारी साफ दिखाई दे रही।
उन्होने कहा कि स्वार्थ और महत्वकांक्षा के कारण नीतीश कुमार बिहार में यह बैठक करा रहे हैं। उन्होंने पूछा कि बिहार की जनता को इससे क्या लाभ होगा? सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस भी विपक्षी एकता को तवज्जो नहीं दे रही। उन्होंने कहा कि जिस जयप्रकाश नारायण ने भ्रष्टाचारी कांग्रेस मुक्त देश, जातिविहीन समाज की कल्पना की थी, उन्हीं के दो शिष्य के जरिए कांग्रेस युक्त देश बनाने के लिए कांग्रेस ने बिहार की धरती को चुना है। कांग्रेस की मंशा जेपी के सपने को उन्हीं की धरती पर तोड़ने की है।
इधर, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि महागठबंधन की सरकार होते हुए, लालू और नीतीश कुमार के होते किसी में दम नहीं है कि किसी का अधिकार छीन ले। हम लोग खड़े हैं, सभी साजिशों और चाल को देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद ने आडवाणी का रथ रोका था, इस बार नीतीश की अगुवाई में हम मोदी का रथ रोकेंगे। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों की बैठक होने से भाजपा डरी हुई है। भाजपा 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने से डरी हुई है क्योंकि उसे वहां एकजुट विपक्ष का सामना करना पड़ सकता है।
उन्होंने कहा कि वह हाल में हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में विधानसभा चुनाव हार गई है। उसे राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली और हरियाणा जैसे राज्यों में एक के बाद एक हार दिखाई दे रही है।