मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव में महिलाओं को टिकट दिए जाने पर सियासत तेज, बीजेपी-कांग्रेस के ये हैं दावे
ऐसा माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव 2023 में बीजेपी को महिला वोट बैंक के जरिए सत्ता की चाबी हासिल करने में काफी आसानी हुई है. इसी के चलते इस बार भी लोकसभा चुनाव में लाडली बहन योजना, लाडली लक्ष्मी योजना जैसी सरकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए बीजेपी हर मंच से महिलाओं को आकर्षित करने की कोशिश कर रही है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य की 29 लोकसभा सीटों पर में से 6 पर महिलाओं को चुनाव लड़ाने का पासा भी फेंक दिया है. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस केवल एक सीट पर महिला को चुनाव लड़ा रही है जबकि बीजेपी 6 सीटों पर चुनाव लड़ा कर महिलाओं की राजनीति के क्षेत्र में भी हिस्सेदारी सुनिश्चित कर रही है.
बीजेपी ने मध्य प्रदेश की 29 में से 6 लोकसभा सीटों पर महिलाओं को उतारा है. बीजेपी ने बालाघाट से डॉक्टर भारती पारधी को टिकट दिया है. वहीं, भिंड से बीजेपी ने काफी पढ़ी लिखी संध्या राय को कांग्रेस के फूल सिंह बरैया के सामने मैदान में उतारा है. इसी तरह सागर से लता वानखेड़े को बीजेपी ने टिकट दिया है, जबकि धार से पूर्व मंत्री सावित्री ठाकुर को मैदान में उतारा गया है. इसी प्रकार रतलाम से कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के सामने भी अनीता नागर सिंह चौहान को टिकट मिला है. बीजेपी से 6 महिलाओं को लोकसभा चुनाव का टिकट मिला है.
मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने एक महिला को टिकट दिया है. मध्य प्रदेश की रीवा लोकसभा सीट से कांग्रेस ने नीलम मिश्रा को उम्मीदवार बनाया है. नीलम मिश्रा को बीजेपी के जनार्दन मिश्रा के सामने टिकट दिया गया है. बता दें कि जनार्दन मिश्रा दो बार सांसद रह चुके हैं और तीसरी बार मैदान में उतरे हैं.
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता केके मिश्रा के मुताबिक देश के प्रधानमंत्री के रूप में स्वर्गीय इंदिरा गांधी, मुख्यमंत्री के रूप में स्वर्गीय शीला दीक्षित और प्रदेश में उपमुख्यमंत्री स्वर्गीय जमुना देवी सहित देश और प्रदेश के सर्वोच्च पदों पर कांग्रेस ने हमेशा महिलाओं को प्रतिनिधित्व दिया है. कांग्रेस हमेशा सर्वहित की बात करती है, केवल राजनीति के लिए महिला और पुरुष को अलग-अलग चश्मे से नहीं देखती है.