अन्तर्राष्ट्रीय

कनाडा के स्कूलों में हुए ‘‘अत्याचारों” के लिए पोप फ्रांसिस ने मांगी माफी

मास्कवासिक (कनाडा): पोप फ्रांसिस ने कनाडा के आवासीय स्कूलों में मूल निवासियों पर किये गये अत्याचारों में कैथलिक चर्च द्वारा सहयोग किये जाने को लेकर माफी मांगी है। पोप ने कहा कि मूल निवासियों को बलपूर्वक ईसाई समुदाय में समाहित कराने से उनकी संस्कृति तबाह हुई, उन्हें परिवारों से दूर होना पड़ा। उन्होंने एडमोंटन, अल्बार्टा के एक पूर्व आवासीय स्कूल में उन सभी अत्याचारों के लिए माफी मांगी, जो कई ईसाइयों ने मूल निवासियों पर किए। पोप ने स्कूल की नीति को बेहद ‘विनाशकारी भूल’ बताते हुए कहा कि आगे जांच किए जाने और जख्मों पर मरहम लगाने की जरूरत है।

गौरतलब है कि पोप फ्रांसिस ने आवासीय स्कूलों में मिशनरियों द्वारा दुर्व्यवहार किये जाने को लेकर स्थानीय समुदाय से माफी मांगने के लिए रविवार को कनाडा की ऐतिहासिक यात्रा शुरू की। इसे मूल निवासी समुदायों के साथ सामंजस्य स्थापित करने और उस दौर के सदमे से उबरने में मदद करने के प्रयासों में कैथलिक चर्च के एक महत्वपूर्ण कदम के तौर पर देखा जा रहा है।

कनाडा सरकार ने स्वीकार किया है कि 19वीं शताब्दी से 1970 के दशक तक संचालित सरकारी-वित्त पोषित ईसाई स्कूलों में शारीरिक और यौन शोषण बड़े पैमाने पर किया गया था। लगभग 1,50,000 मूल निवासी बच्चों को उनके परिवारों से दूर ले जाया गया और उन्हें उनके घरों, मूल भाषाओं और संस्कृतियों से दूर करने तथा उन्हें कनाडा के ईसाई समाज में रचने-बसने के लिए मजबूर किया गया।

इसका लक्ष्य आबादी के बीच ईसाई समुदाय की स्वीकार्यता बढ़ाना और मुख्यधारा के समाज में इसे आत्मसात करना था, जिसे कनाडा की पूर्ववर्ती सरकार सर्वोच्च मानती थी। पूर्व के स्कूलों में सैकड़ों संभावित कब्रों के मिलने का पता चलने पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान कनाडा और अमेरिका के स्कूलों पर गया था। इन खुलासों ने फ्रांसिस को कनाडा की धरती पर माफी मांगने के लिए मजबूर किया। कैथलिक धार्मिक संस्थाओं ने देश के 139 आवासीय विद्यालयों में से 66 का संचालन किया था। पोप के माफी मांगने के बाद उपस्थित लोगों की भावनाएं उमड़ पड़ीं। भीड़ में कई लोग रोते दिखे, जबकि कुछ लोग खामोशी से पोप की बात सुनते रहे।

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