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CM Yogi ने जनसंख्या नीति 2021-30 का ऐलान किया, जानें क्या है खास

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने जनसंख्या नीति 2021-30 का ऐलान कर दिया है। सीएम ने विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर बढ़ती जनसंख्या पर अपनी बात कही। इस ड्राफ्ट के मुताबिक, दो से अधिक बच्चे वाले व्यक्ति को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। वह व्यक्ति सरकारी नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर पाएगा और न ही किसी स्थानीय निकाय का चुनाव लड़ सकेगा। आयोग ने 19 जुलाई तक जनता से राय मांगी है।

पिछले चार दशकों से चल रही है चर्चा

मुख्यमंत्री ने नई नीति जारी करते हुये कहा कि, पूरी दुनिया में बढ़ती जनसंख्या पर चिंता जताई गई। उन्होंने कहा कि, जनसंख्या नियंत्रण के लिये जागरुकता जरूरी है। कई दशकों से बढ़ती आबादी पर चर्चा हो रही थी। सीएम ने कहा कि, नई नीति में समाज के सभी तबकों का ध्यान रखा गया है। इससे सभी के जीवन में खुशहाली आएगी। पिछले चार दशकों से इस पर चर्चा चल रही थी।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि, जनसंख्या नियंत्रण के लिये और प्रयास जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्या विकास में बाधा है।

दो बच्चों की नीति को बढ़ावा

दरअसल, ये कानून राज्य में दो बच्चों की पॉलिसी को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन करता है। इस ड्राफ्ट में कहा गया है कि दो से अधिक बच्चे वाले व्यक्ति का राशन कार्ड चार सदस्यों तक सीमित होगा और वह किसी भी प्रकार की सरकारी सब्सिडी प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं होगा। कानून लागू होने के सालभर के भीतर सभी सरकारी कर्मचारियों और स्थानीय निकाय चुनाव में चुन हए जनप्रतिनिधियों को एक शपथपत्र देना होगा कि वो नियम का उल्लंघन नहीं करेंगे। शपथपत्र देने के बाद अगर वह तीसरा बच्चा पैदा करते हैं तो ड्राफ्ट में सरकारी कर्मचारियों का प्रमोशन रोकने और बर्खास्त करने तक की सिफारिश की गई है। हालांकि तीसरे बच्चे को गोद लेने पर रोक नहीं है।

दो या कम बच्चों वाले अभिभावक को कई सुविधाएं

अधिकतम दो बच्चों की पॉलिसी का पालन करने वाले और स्वैच्छिक नसबंदी करवाने वाले अभिभावकों को सरकार खास सुविधाएं देगी। ऐसे सरकारी कर्मचारियों को दो एक्स्ट्रा सैलेरी इंक्रीमेंट, प्रमोशन 12 महीने का मातृत्व या पितृत्व अवकाश, जीवनसाथी को बीमा कवरेज, सरकारी आवासीय योजनाओं में छूट, पीएफ में एंप्लायर कॉन्ट्रिब्यूशन बढ़ाने जैसी कई सुविधाएं मिलेगी। वहीं जिनके पास सरकारी नौकरी नहीं है, ड्राफ्ट में उन्हें पानी, बिजली, होम टैक्स, होम लोन जैसी कई सुविधाएं देने का प्रस्ताव है।

इस दौरान राज्य के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह भी मौजूद रहे। यूपी में जनसंख्या नियंत्रण के लिए राज्य विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण विधेयक-2021 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। बढ़ती आबादी पर रोक लगाने के लिये इस ड्राफ्ट में कई प्रस्ताव रखे गये हैं।

क्या है ये नीति? 

यूपी सरकार 2021-2030 के लिए प्रस्तावित नीति के तहत परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत जारी गर्भ निरोधक उपायों की सुलभता को बढ़ाएगी। साथ में सुरक्षित गर्भपात की समुचित व्यवस्था देने की कोशिश होगी। वहीं उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं के माध्यम से नवजात जन्म दर, मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर को कम करने, नपुंसकता या बांझपन की समस्या के सुलभ समाधान उपलब्ध कराते हुए जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रयास किए जाएंगे। नवीन नीति में वर्ष 2026 तक जन्मदर को प्रति हजार आबादी पर 2.1 तक और 2030 तक 1.9 तक लाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें एक अहम बिंदु 11 से 19 वर्ष के किशोरों के पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य के बेहतर प्रबंधन के अलावा, बुजुर्गों की देखभाल के लिए व्यापक व्यवस्था करना भी है।

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