त्यौहारी सीजन में सरसों और मूंगफली तेल में उबाल, आलू, प्याज और टमाटर भी हुए महंगे
नई दिल्ली : महंगाई की कड़ाही में सरसों, सूरजमुखी और मूंगफली तेल तो उबल ही रहे हैं, आलू, प्याज और टमाटर भी उछल रहे हैं। बीते दो महीनों में इनकी औसत कीमतों में 20 रुपये प्रति किलोग्राम तक की वृद्धि दर्ज की गई है। सबसे ज्यादा सरसों तेल में करीब 25 रुपये प्रति किलोग्राम तक की वृद्धि हुई है। हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से जारी मासिक रिपोर्ट में उन उत्पादों का विशेष तौर पर उल्लेख किया गया है, जिनकी कीमतों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिली है। रिपोर्ट बताती है कि सरसों, सूरजमुखी और मूंगफली तेल की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।
देश में अधिकांश घरों में खाना बनाने के लिए सरसों और मूंगफली के तेल का इस्तेमाल होता है। इसके बाद सूरजमुखी के तेल का नंबर आता है। कीमतों में उछाल से साफ है कि इनका असर रसोई के बजट पर भी पड़ रहा है। रिपोर्ट से पता चलता है कि अगस्त से सितंबर के बीच कीमतों में सबसे ज्यादा वृद्धि दर्ज की गई है।
अक्तूबर 2022 में सरजमूखी और सरसों तेल की कीमतें करीब 175 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर तक पहुंची थी और मूंगफली का तेल भी 190 रुपये रुपये के स्तर पर था लेकिन दो वर्ष के बाद सरसों तेल अक्तूबर 2022 के स्तर पर पहुंच गया है तो वहीं मूंगफली का तेल भी अब करीब 200 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर है।
खाद्य तेल के साथ ही रिपोर्ट में उन सब्जियों का भी जिक्र किया गया है, जिनकी कीमतें बीते कुछ महीनों में सबसे ज्यादा बढ़ी हैं। अगस्त से अक्तूबर के बीच आलू, प्याज और टमाटर की कीमतों में काफी तेजी आई है। प्याज की कीमतों में अक्तूबर 2023 के बाद सबसे ज्यादा तेजी देखने को मिली है।
अक्तूबर 2023 में प्याज की कीमत 100 रुपये तक पहुंची थी और अब एक बार फिर से सितंबर और अक्तूबर के बीच उस आंकड़े को छुआ है। जबकि टमाटर की कीमतें जुलाई-अगस्त 2023 के बाद नए स्तर पर पहुंची है। उस वक्त टमाटर की कीमतें देश के कई हिस्सों में 100 रुपये के पार चली गई थीं और अब सितंबर-अक्तूबर में भी उसी रिकॉर्ड स्तर तक पहुंची हैं।
बीते दो वर्ष में थोक कीमतों में अच्छी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। प्याज की कीमतों में करीब ढाई गुना तक की बढ़ोतरी हुई है। जबकि, आलू की कीमतों में भी एक हजार रुपये प्रति क्विंटल से अधिक की वृद्धि हुई है। रिपोर्ट में मंडी के थोकभाव की तुलना की गई है।