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सस्ते होंगे आलू, प्याज, टमाटर और हरी सब्जियां, केंद्र सरकार ने शुरू की नई योजना

नई दिल्ली: देश के नगरों और महानगरों में आलू, प्याज़, टमाटर और हरी सब्जियों की बढ़ती कीमतों से लोगों को राहत दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने एक नई योजना शुरू की है। इस योजना का नाम क्लस्टर सप्लाई चेन योजना है, जिसके अंतर्गत 10 से 12 सब्जियों की खेती घनी आबादी वाले क्षेत्रों के निकट की जाएगी, ताकि इन्हें सीधे उपभोक्ताओं तक पहुँचाया जा सके। इससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी, जिससे महंगाई को काबू करने में मदद मिलेगी।

योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य लंबी सप्लाई चेन से मुक्ति पाकर उपभोक्ताओं को ताजा सब्जियाँ उपलब्ध कराना है। केंद्र सरकार ने बागवानी क्लस्टर और वैल्यू चेन विकास के तहत बड़े क्लस्टर बनाकर खेती और वितरण के लिए सप्लाई चेन स्थापित करने का कार्य शुरू कर दिया है। इस महीने की शुरुआत में इस योजना की पहली बैठक आयोजित की गई थी। इसे 2024-25 से लागू किया जाएगा और 2028 तक पूरी तरह से कार्यान्वित किया जाएगा।

पहले चरण की सब्जियाँ
पहले चरण में जिन 10 सब्जियों को शामिल किया गया है, उनमें टमाटर, प्याज, आलू, गोभी, भिंडी, फूल गोभी, बैंगन, शिमला मिर्च, ककड़ी और लौकी शामिल हैं। इस योजना में भाग लेने वाले किसान, किसान उत्पाद संगठन और सामूहिक समुदाय नियमित दैनिक उपभोग की इन फोकस सब्जियों की खेती पर केंद्रित रहेंगे।

इन शहरों में होगी योजना के पहले चरण की शुरूआत
इस योजना के पहले चरण की शुरुआत दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, पुणे, मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता और बंगलूरू में होगी। इसके लिए ढाई से तीन हजार किसानों को शामिल कर क्लस्टर बनाने की योजना है, जो 50 किलोमीटर के दायरे में फैले होंगे। इसमें खेती के साथ-साथ भंडारण की व्यवस्था भी की जाएगी, ताकि उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर सब्जियाँ उपलब्ध कराई जा सकें।

5 वर्षों में देशभर में होगी लागू
सरकार पांच वर्षों में इस योजना को बड़े पैमाने पर लागू करने की योजना बना रही है, जिसमें महत्वपूर्ण निवेश भी किया जाएगा। इन क्लस्टरों का विकास सार्वजनिक, निजी सामुदायिक भागीदारी (PPP) तंत्र के तहत किया जाएगा।

वित्तीय सब्सिडी
इस योजना के अंतर्गत किसानों को वित्तीय सब्सिडी भी दी जाएगी। यह सब्सिडी पॉलीहाउस, नेट हाउस और हाइड्रोनिक्स बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा, कार्यान्वयन एजेंसी को फसल कटाई के बाद के काम के लिए ऋण से जुड़ी सब्सिडी भी दी जाएगी।

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