कोयला संकट से जूझ रही दिल्ली, मेट्रो व अस्पतालों को बिजली आपूर्ति प्रभावित होने की संभावना
नई दिल्ली । दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों में कोयले की संभावित कमी पर चिंता व्यक्त की है। दादरी और ऊंचाहार थर्मल पावर प्लांट से बिजली आपूर्ति बाधित होने से दिल्ली मेट्रो, अस्पतालों और राष्ट्रीय राजधानी के अन्य महत्वपूर्ण संस्थानों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। इसलिए दिल्ली सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर ताप विद्युत संयंत्रों को पर्याप्त कोयला उपलब्ध कराने के लिए हस्तक्षेप करने को कहा है।
राष्ट्रीय विद्युत पोर्टल की दैनिक कोयला रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) के कई बिजली स्टेशनों पर कोयले की भारी कमी है। दिल्ली सरकार ने जानकारी दी है कि दादरी-2 पावर प्लांट में सिर्फ एक दिन का कोयला स्टॉक बचा है, ऊंचाहार पावर प्लांट में दो दिन का स्टॉक है, कहलगांव में साढ़े तीन दिन का स्टॉक बचा है, फरक्का के पास पांच दिन का स्टॉक हैख् जबकि झज्जर (अरावली) के पास सात से आठ दिन का स्टॉक बचा है।
जहां कोयला संकट से बिजली आपूर्ति प्रभावित होने का खतरा है, वहीं दिल्ली और कई अन्य राज्य भीषण गर्मी की स्थिति का सामना कर रहे हैं। मौसम विभाग ने कहा है कि दिल्ली में पारा 46 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। इतनी भीषण गर्मी के बीच दिल्ली में अगर बिजली आपूर्ति बाधित होती है तो लोगों की परेशानी और कम हो जाएगी। स्कूल, अस्पताल और यहां तक कि दिल्ली मेट्रो, जो राष्ट्रीय राजधानी में परिवहन का एक आवश्यक साधन है, प्रभावित होने की संभावना है जो आम आदमी की समस्याओं को और बढ़ा देगा।
दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन ने गुरुवार को दिल्ली सचिवालय में कोयले की किल्लत को लेकर आपात बैठक की। उन्होंने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर राष्ट्रीय राजधानी को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों को पर्याप्त कोयला उपलब्ध कराने के लिए हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। मंत्री ने कहा कि वर्तमान में विभिन्न ताप विद्युत संयंत्रों में कोयले की भारी कमी है।
एनटीपीसी के दादरी-द्वितीय और झज्जर (अरावली) बिजली संयंत्र मुख्य रूप से दिल्ली की बिजली आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्थापित किए गए थे, लेकिन इन संयंत्रों में बहुत कम स्टॉक बचा है। बिजली आपूर्ति में व्यवधान से दिल्ली मेट्रो, अस्पतालों और विभिन्न अन्य आवश्यक संस्थानों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति में भारी कटौती हो सकती है।