‘दो वोट के लिए दो मर्डर’ के आरोपी प्रभुनाथ सिंह को उम्रकैद, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पहले कभी नहीं देखा ऐसा केस, भगवान ही मालिक
नई दिल्ली. एक बड़ी खबर के अनुसार, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह (Prabhunath Singh) को आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने साल 1995 के मशरख डबल मर्डर केस में उम्रकैद की सजा सुनाई है। वहीं कोर्ट ने इसके साथ मृतक के परिवारों को 10-10 लाख रुपए और घायल के परिवार को 5 लाख रुपए मुआवजा देने का भी आदेश दिया है।
आज इस सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि, यहां दो ही विकल्प हैं, या तो हम जीवन दें या मौत। फिर जस्टिस विक्रम नाथ ने पूछा कि प्रभुनाथ सिंह की उम्र कितनी है? उनके वकील ने बताया कि 70 साल के हैं। इसके बाद जस्टिस ने कहा कि, “तब तो भगवान ही मालिक हैं। आज से पहले ऐसा केस हमने नहीं देखा।”
क्या है मामला
जानकारी दें कि, साल 1995 में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान छपरा के मशरख में 18 साल के राजेंद्र राय और 47 साल के दरोगा राय की पोलिंग बूथ के पास ही ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आरोप था कि, ये दोनों ने ही प्रभुनाथ सिंह के कहे अनुसार वोट नहीं दिया था। वहीं प्रभुनाथ सिंह को इस मामले में पटना की एक कोर्ट ने साल 2008 में बरी कर दिया था। हालांकि बाद में साल 2012 में पटना हाईकोर्ट ने भी इस फैसले को सही ठहराया था। हारकर पीड़ित के भाई ने इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में इस बाबत अपील की थी।
अभी भी जेल में
उक्त मामले में बीते 18 अगस्त को ही सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई थी। कोर्ट ने प्रभुनाथ सिंह को दोषी करार दिया था। प्रभुनाथ सिंह की उम्र 70 साल है। फिलहाल प्रभुनाथ सिंह फिलहाल विधायक अशोक सिंह हत्याकांड में झारखंड के हजारीबाग केंद्रीय कारावास में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे हैं।