ज्ञान भंडार

बुधवार को रखा जाएगा प्रदोप व्रत, होती है भगवान शंकर और माँ पार्वती की पूजा

नई दिल्ली : हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जा रहा है। बुधवार के दिन पड़ने के कारण इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाएगा। इस दिन भगवान शंकर और मां पार्वती की विधिवत पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही व्यक्ति को हर दुख-दर्द से छुटकारा मिलने के साथ हर इच्छा पूरी हो जाती है। इस बार बुध प्रदोष व्रत 11 अक्टूबर 2023 को है। आइए जानते हैं बुध प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त, शुभ योग और पूजा विधि।बुध प्रदोष व्रत 2023 पूजा विधि प्रदोष व्रत के दिन सूर्योदय से पहले उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें। इसके बाद शिव जी का मनन करते हुए व्रत का संकल्प लें।

इसके साथ ही विधिवत शिव की जी पूजा कर लें। शाम के समय स्नान आदि करने के बाद पुन: शिव जी की पूजा करें। शिवलिंग में जल, गंगाजल, दही, दूध, शहद आदि से स्नान कराएं। इसके बाद बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी की पत्तियां चढ़ाने के साथ सफेद चंदन, अक्षत, फूल, माला चढ़ाने के साथ भोग लगाएं। इसके साथ ही घी का दीपक जलाने के साथ धू जला लें। फिर प्रदोष व्रत की कथा का पाठ कर लें। अंत में विधिवत आरती करने के साथ भूल चूक के लिए माफी मांग लें। दूसरे दिन स्नान दान करने के बाद व्रत खोल लें। बुध प्रदोष व्रत 2023 शुभ मुहूर्त आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि आरंभ- 11 अक्टूबर, बुधवार को शाम 05 बजकर 37 मिनट से प्रारंभ

आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का समापन- 12 अक्टूबर, गुरुवार को शाम 07 बजकर 53 मिनट पर

बुध प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त- शाम 05 बजकर 56 मिनट से रात 08 बजकर 25 मिनट तक बुध प्रदोष व्रत पर बन रहा शुभ योग हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार बुध प्रदोष व्रत पर काफी शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन शुभ योग सुबह से लेकर सुबह 08 बजकर 42 मिनट तक है। इसके बाद शुक्ल योग प्रारंभ हो जाएगा। इसके साथ ही मघा नक्षत्र सुबह से लेकर सुबह 08 बजकर 45 मिनट तक है।

Related Articles

Back to top button