हैदराबाद : मशहूर तिरुपति मंदिर ने 1 अप्रैल से शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष में कुल 4,411 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने का लक्ष्य तय किया है। आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले के तिरुमला में भगवान वेंकटेश्वर के इस मंदिर में हर साल करोड़ों लोग पहुंचते हैं। इस मंदिर का संचालन तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट द्वारा किया जाता है। ट्रस्ट के चेयरमैन वाईवी सुब्बा रेड्डी ने बताया कि मंदिर के सालाना बजट को हाल ही में मंजूरी मिल गई थी, लेकिन एमएलसी चुनाव में लगी आचार संहिता के चलते इसे रोक लिया गया था।
मौजूदा वित्त वर्ष के मुकाबले नए साल का रेवेन्यू टारगेट 1,315 करोड़ रुपये अधिक है। इस साल यह लक्ष्य 3,096 रुपये ही था, जिसमें अब इजाफा हो गया है। रेड्डी ने बताया कि मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में इजाफा हुआ है। इसलिए रेवेन्यू का टारगेट भी बढ़ा दिया गया है। कोरोना काल के बाद अब मंदिर को मिलने वाले चढ़ावे में बढ़ोतरी हुई है। कोरोना काल से पहले मंदिर में साल में करीब 1,200 करोड़ रुपये का दान आ जाता था, जिसमें कोरोना के दौरान बड़ी गिरावट देखने को मिली थी। इसके अलावा मंदिर को मिलने वाले वर्चुअल दान और जमा रकम पर ब्याज में भी कमी आई थी।
रेड्डी ने कहा कि हमें इस साल 900 करोड़ रुपये का कैश चढ़ावा मिलने की उम्मीद थी, जो नए अनुमान के मुताबिक 1,588 करोड़ रुपये तक हो सकता है। ऐसे में हमने नए साल में 1,591 करोड़ रुपये का लक्ष्य तय किया है। तिरुमला तिरुपति देवस्थानम का अनुमान है कि 990 करोड़ रुपये की रकम बैंकों में जमा कैश पर ब्याज के जरिए मिल सकती है। इसके अलावा 500 करोड़ रुपये की प्रसाद की बिक्री हो सकती है और 330 करोड़ रुपये की स्पेशल दर्शन टिकट से कमाई होने का अनुमान है।
मंदिर के कल्याण मंडप के किराये और होटले में ठहरने वाले लोगों के जरिए भी 129 करोड़ रुपये की आय होने का लक्ष्य है। इसके अलावा कुछ निर्माण कार्य भी मंदिर प्रशासन ने तय किए हैं। मंदिर प्रशासन का कहना है कि 30 अतिरिक्त लड्डू काउंटर तैयार किए जाएंगे ताकि भक्तों को जल्दी से प्रसाद मिल सके। इन पर 5.25 करोड़ रुपये की लागत आएगी। तमिलनाडु में श्री वेंकटस्वामी मंदिर के निर्माण पर भी 4.70 करोड़ रुपये की रकम खर्च की जाएगी।