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विदेशी इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों के लिए PLI की तैयारी, ताइवान-कोरियन कंपनियों को भारत लाने पर जोर

नई दिल्ली : स्मार्टफोन, सर्वर और कंप्यूटर जैसे महंगे उत्पाद बनाने वाली विदेशी इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों को आकर्षित करने के लिए सरकार 10,000-12,000 करोड़ रुपये की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना ला सकती है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार का यह कदम देश में उत्पादन बढ़ाने के लिए एपल जैसे वैश्विक दिग्गजों को आकर्षित कर सकता है।

इसके साथ ही भारत में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण के लिए एक पूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए भी योजना बन रही है। इस कदम से ताइवान, कोरिया और जापान की कंपनियों को भारत में आने या यहां नई इकाइयां स्थापित करने में मदद मिलेगी।

योजना के तहत कंपनियों को देश में उत्पादन सुविधाओं की स्थापना के लिए आर्थिक मदद की जा सकती है। साथ ही उनके कलपुर्जों के उत्पादन के लिए प्रोत्साहन दिया जा सकता है। योजना की रूपरेखा को अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। हालांकि, अगले वित्त वर्ष यानी एक अप्रैल के बाद इसकी पूरी नीति को जारी किया जा सकता है।

यह मामला ऐसे समय में चर्चा में आया है, जब इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और सेमीकंडक्टर के निर्माण को बढ़ावा (SPECS) देने के लिए 3,285 करोड़ रुपये की योजना मार्च 2023 में समाप्त होने वाली है। इसे अप्रैल 2020 में तीन साल के लिए स्मार्टफोन के लिए पीएलआई योजना के साथ लॉन्च किया गया था। एसपीईसीएस का उद्देश्य टच पैनल और कैमरा मॉड्यूल जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे महंगे उत्पादों के निर्माण को बढ़ावा देना था।

उद्योग जगत का कहना है कि कम से कम 10,000 करोड़ रुपये के खर्च के साथ एसपीईसीएस को अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ाया जाए। गौरतलब है कि एपल की सप्लायर्स विस्ट्रॉन, पेगाट्रॉन और फॉक्सकॉन पहले से ही भारत में अपने उत्पादों का निर्माण कर रही हैं। इससे चीन की मैन्युफैक्चरिंग में हिस्सेदारी घट रही है। भारत में फॉक्सकॉन बड़े पैमाने पर अपनी विनिर्माण क्षमता को स्थापित कर रही है।

एपल का भारत से आईफोन निर्यात इस साल अप्रैल-दिसंबर में 20,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। देश में तीन कंपनियां फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन ठेके पर एपल के लिए आईफोन बना रही हैं और दूसरे देशों में निर्यात किया जा रहा है। 16 महीने पहले पीएलआई योजना लागू की गई थी और ठेके पर आईफोन बनाने वाली तीनों कंपनियों ने सबसे तेजी से निर्यात का लक्ष्य हासिल किया है।

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