राष्ट्रपति बोले, ‘देशवासियों को स्वतंत्रता के गुमनाम नायकों के बारे में बताएं’
कानपुर: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने वाले हैं। हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। इस महोत्सव में गुमनाम सेनानियों को सामने लाने का प्रयास होगा। कहा कि हमारा यह कर्तव्य है कि हम अपने देशवासियों को स्वतंत्रता आंदोलन के गुमनाम नायकों के बारे में बताएं।
राष्ट्रपति कानपुर में हरमोहन सिंह यादव जन्म के शताब्दी समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमें अपने राष्ट्र को विकसित, सुरक्षित और मजबूत बनाने के लिए एकजुट होकर प्रयास करना चाहिए। देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और अब समय आ गया है कि हम स्वतंत्रता आंदोलन के अपने नायकों को याद करें। राष्ट्रपति ने कहा कि यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने देशवासियों को स्वतंत्रता आंदोलन के गुमनाम नायकों के बारे में बताएं। उन्होंने कहा कि शिक्षा विकास का आधार है और अगर किसी को शिक्षा मिलेगी तो वह विकास के रास्ते खोजेगा।
कोविंद ने कहा कि शिक्षकों और युवाओं ने देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और वे भविष्य में भी उस भूमिका को निभाते रहेंगे। राष्ट्रपति ने उत्तर प्रदेश की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा कि राज्य ने शिक्षा के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। कानपुर ने भी कई क्षेत्रों में खास उपलब्धि हासिल की है। अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि चौधरी हरमोहन सिंह मुझे कहा करते थे कि क्षेत्र का विकास न हो रहा हो तो शिक्षण संस्थान खोल देने चाहिए। बच्चे शिक्षित होंगे तो भविष्य में विकास जरूर होगा। चौधरी साहब ने वही किया। कहा कि हरमोहन सिंह और मुझे साथ काम करने का मौका मिला। ट्रेनों ने साथ-साथ यात्राएं कीं। घर का खाना और पकवान लाते थे। बर्थ में बैठे सभी को खिलाते थे। उन्हें इस बात से मतलब नहीं था कि कोई परिचित है या नहीं। वे कहते थे साथ वाला व्यक्ति जान पहचान का भले न सही मगर हमसफर है। यह बात मुझे आज भी प्रेरणा देती है।
इस दौरान उनके साथ मंच पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, राज्यसभा सदस्य सुखराम सिंह, उनके बेटे मोहित यादव मौजूद रहे। कार्यक्रम के बाद राष्ट्रपति शाम पांच बजे से सर्किट हाउस में लोगों से मिलेंगे, जिनमें चिकित्सक, समाजसेवी, उद्यमी और उनके पुराने मित्र शामिल हैं। दूसरे दिन राष्ट्रपति हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय जाएंगे, जहां शताब्दी वर्ष समारोह को संबोधित करेंगे। राज्यपाल भी विश्वविद्यालय में उनके साथ रहेंगी। 25 नवंबर को राष्ट्रपति एक बजे चकेरी एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए रवाना होंगे।