प्रधानमंत्री मोदी का ऐलान- भूटान को विकास के लिए 10 हजार करोड़ रुपए की मदद देगा भारत
थिंपू: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को भूटान के शीर्ष नेतृत्व को भरोसा दिलाया कि भारत उसके विकास की आकांक्षाओं में उसका पूर्ण समर्थन करता है और दोनों देशों के अद्वितीय द्विपक्षीय संबंध कनेक्टिविटी, बुनियादी ढांचे, व्यापार और ऊर्जा क्षेत्रों में अधिक सहयोग का मार्ग प्रशस्त करेंगे। मोदी ने यह भी घोषणा की कि नयी दिल्ली अगले पांच वर्षों में थिंपू को 10,000 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और भूटान के लोगों के बीच आत्मीयता उनके द्विपक्षीय संबंधों को अनूठा बनाती है। उन्होंने कहा कि भारत, भूटान के लोगों के दिलों में बसता है। मोदी दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर भूटान पहुंचे हैं। उनकी यात्रा का उद्देश्य ‘पड़ोस प्रथम’ की नीति के तहत भूटान के साथ भारत के अनूठे संबंधों को और मजबूत बनाना है।
दोनों देशों ने कई समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया तथा ऊर्जा, व्यापार, डिजिटल कनेक्टिविटी, अंतरिक्ष और कृषि के क्षेत्र में समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इसके अलावा दोनों देशों के बीच रेल संपर्क की स्थापना पर समझौता ज्ञापन को अंतिम रूप दिया। मोदी ने भूटान के नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से मुलाकात की और प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा भी की। मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भूटान के महामहिम नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से मिलकर बेहद खुशी हुई। हमने अपने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने के तरीकों पर बातचीत की।”
उन्होंने भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे से मुलाकात को लेकर कहा, ‘‘भूटान में प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे के साथ सार्थक वार्ता हुई। हमने भारत-भूटान मित्रता की संपूर्ण श्रृंखला की समीक्षा की, और हमारी विकासात्मक साझेदारी को बढ़ावा देने के साथ-साथ सांस्कृतिक संबंधों को गहरा करने पर सहमति व्यक्त की।” प्रधानमंत्री मोदी को यहां भूटान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान पाने वाले वह पहले विदेशी शासनाध्यक्ष हैं। भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने प्रधानमंत्री मोदी को इस सम्मान से सम्मानित किया। मोदी ने प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे के साथ भी वार्ता की। मोदी ने कहा, ‘‘भारत और भूटान के लोगों के बीच आत्मीयता उनके द्विपक्षीय संबंधों को अनूठा बनाती है।”
अपने संबोधन में उन्होंने भूटानी लोगों से कहा, ‘‘भारत आपके दिल में बसता है।” अपने संबोधन में, उन्होंने लोगों को ‘‘भूटान के मेरे प्यारे दोस्तो” के रूप में संबोधित किया। इस मौके पर भूटान के पांचवें नरेश जिग्मे खेसर नांग्याल वांगचुक और राजपरिवार के सदस्य भी मौजूद थे। मोदी ने कहा, ‘‘हमारे संबंध अटूट हैं। हमारी मित्रता अटूट है। हमारा आपसी सहयोग अटूट है और खास बात यह है कि हमारा विश्वास भी अटूट है। और, यही कारण है कि यह दिन मेरे लिए बहुत खास है।” उन्होंने जब लोगों को संबोधित किया तो भूटान के लोग अपने मूल परिधान पहने और दोनों देशों के झंडे लिए हुए थे तथा लगातार तालियां बजा रहे थे। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘एक भारतीय के तौर पर यह मेरे लिए बहुत बड़ा दिन है। आपने मुझे भूटान के सर्वोच्च (नागरिक) पुरस्कार से सम्मानित किया है। जब यह सम्मान किसी दूसरे देश से आता है तो यह विश्वास और मजबूत हो जाता है कि हम दोनों देश सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।”