प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे कुशीनगर, इंटरनेशनल एयरपोर्ट के साथ देंगे करोड़ों की सौगात
नई दिल्ली। भारत में बौद्ध तीर्थयात्रियों की हवाई यात्रा जरूरतों को सुविधाजनक बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को उत्तर प्रदेश में कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन करेंगे। नागर विमानन मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी।
589 एकड़ में 260 करोड़ की लागत से बने इस हवाई अड्डे के लोकार्पण के साथ उत्तर प्रदेश सर्वाधिक हवाई अड्डा वाला प्रदेश बन जाएगा। पीएम मोदी यहां 180.6 करोड़ रुपये की लागत से 12 परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण और 281 करोड़ से बनने वाले मेडिकल कालेज का शिलान्यास करेंगे। वह महापरिनिर्वाण मंदिर में बुद्ध प्रतिमा पर चीवर चढ़ाएंगे और भिक्षुओं को चीवर दान करेंगे।
मंत्रालय ने एक बयान में बताया, उद्घाटन उड़ान 125 गणमान्य व्यक्तियों और बौद्ध भिक्षुओं को लेकर श्रीलंका के कोलंबो से कुशीनगर हवाई अड्डे पर उतरेगी।’ कुशीनगर एक अंतरराष्ट्रीय बौद्ध तीर्थस्थल है जहां भगवान गौतम बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ था। मंत्रालय के मुताबिक, हवाई अड्डे के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री बुधवार को बौद्ध स्थल महापरिनिर्वाण स्तूप और मंदिर में एक कार्यक्रम को भी संबोधित करेंगे जिसमें श्रीलंकाई बौद्ध भिक्षु और श्रीलंका सरकार के मंत्री शामिल होंगे।
कुशीनगर बौद्ध परिपथ का केंद्र बिंदु है। इस परिपथ में लुंबिनी, सारनाथ और गया भी शामिल हैं। मंत्रालय के मुताबिक, हवाई अड्डे के उद्घाटन के मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी प्रधानमंत्री के साथ मौजूद रहेंगे।
बयान में बताया गया कि कुशीनगर हवाई अड्डे के नए र्टिमनल की 3600 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली इमारत 260 करोड़ रुपये की लागत से भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से बनाई है। इसमें बताया गया कि व्यस्त समय में यह हवाईअड्डा 300 यात्रियों को संभालने में सक्षम है।
बयान के मुताबिक, दक्षिण एशियाई देशों के साथ सीधे विमानन संपर्क से श्रीलंका, जापान, ताइवान, दक्षिण कोरिया, चीन, थाईलैंड, वियतनाम, सिंगापुर से आने वाले पर्यटकों के लिए कुशीनगर पहुंचना और क्षेत्र की समृद्ध विरासत का अनुभव करना सुगम हो जाएगा।
बयान के मुताबिक, हवाई अड्डे के उद्घाटन से पर्यटकों की आमद में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। इस हवाई अड्डे के उद्घाटन के बाद बौद्ध परिपथ के लुंबिनी, बोधगया, सारनाथ, कुशीनगर, श्रावस्ती, राजगीर, संकिसा और वैशाली की यात्रा कम समय में पूरी की जाएगी।