खिलौने बच्चों के सामाजिक-मानसिक विकास में सहायक होते हैं: पीएम मोदी
नई दिल्ली : भारतीय खिलौने बच्चों के सामाजिक और मानसिक विकास में सहायक होते हैं। हमारे यहां खिलौने की समृद्ध परंपरा रही है, दादी-नानी के खिलौने पीढ़ियों से चले आ रहे हैं। उसमें स्मृति की महक होती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को भारत के पहले खिलौना मेला का उद्घाटन करते हुए यह बात कही।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि खिलौने के साथ भारत का पुराना रिश्ता रहा है। यह रिश्ता उतना ही पुराना है, जितना इस भू-भाग का है। आगे उन्होंने कहा कि भारतीय खिलौने में ज्ञान होता है, तो विज्ञान भी होता है। मनोरंजन होता है, तो मनोविज्ञान भी होता है।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा
खिलौने के साथ भारत का प्राचीन रिश्ता है। प्राचीन काल से जब दुनिया के यात्री भारत आते थे तो वे यहां खेल सीखते भी थे और उसे अपने साथ लेकर भी जाते थे।
उन्होंने कहा कि हमें खेल और खिलौने की भूमिका को अवश्य समझना चाहिए। बच्चों के विकास में इसकी जो भूमिका है, उसे समझना चाहिए। हमारे खिलौने बच्चों के मस्तिष्क विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। साथ ही मनोवैज्ञानिक गतिविधि तथा ज्ञान की कुशलता बढ़ाने में बच्चों की मदद करते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा
खेल और खिलौने के क्षेत्र में स्वयं को आत्मनिर्भर बनाना है। हमारे खिलौने में मूल्य, संस्कार और शिक्षाएं भी होनी चाहिए। उसकी गुणवत्ता अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से होनी चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने बच्चे के समग्र विकास में खिलौनों के महत्व की चर्चा करते हुए भारत में खिलौनों के उत्पादन को बढ़ाने पर बल दिया था।
गौरतलब है कि अगस्त 2020 में अपने मन की बात कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि खिलौने न केवल क्रियाशीलता बढ़ाते हैं, बल्कि महत्वाकांक्षाओं को पंख भी लगाते हैं। उन्होंने पहले भी भारत में खिलौनों के उत्पादन को बढ़ाने पर बल दिया था। खिलौना मेला 2021 का आयोजन प्रधानमंत्री के इस विजन के अनुरूप किया जा रहा है। मेला 27 फरवरी से 2 मार्च, 2021 तक चलेगा।
Speaking at The India Toy Fair 2021. Watch. https://t.co/2mlOE6eQir
— Narendra Modi (@narendramodi) February 27, 2021
इसका उद्देश्य सतत लिंकेज बनाने तथा उद्योग के समग्र विकास पर विचार-विमर्श करने के लिए एक ही प्लेटफॉर्म पर खरीददारों, विक्रेताओं, विद्यार्थियों, शिक्षकों, डिजाइनरों आदि सहित सभी हितधारकों को लाना है। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से सरकार और उद्योग एक साथ विचार करेंगे कि कैसे भारत को खिलौना निर्माण और आउट सोर्सिंग का अगला वैश्विक हब बनाया जाए।
ई-कॉमर्स सक्षम वर्चुअल प्रदर्शनी में 30 राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों के 1000 से अधिक एक्जीबिटर अपने उत्पाद दिखाएंगे। इसमें परंपरागत भारतीय खिलौनों के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक टॉय, प्लस टॉय, पजल तथा गेम्स सहित आधुनिक खिलौने दिखाए जाएंगे।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्ले-आधारित और गतिविधि-आधारित शिक्षा को बड़े पैमाने पर शामिल किया गया है।
— PMO India (@PMOIndia) February 27, 2021
ये एक ऐसी शिक्षा व्यवस्था है जिसमें बच्चों में पहेलियों और खेलों के माध्यम से तार्किक और रचनात्मक सोच बढ़े, इस पर विशेष ध्यान दिया गया है: PM @narendramodi
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्रियों समेत खिलौना बाजार से जुड़े व्यापारी तथा स्थानीय कारीगर शामिल हुए।
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