नई दिल्ली: तिहाड़ प्रशासन ने बीती रात (बुधवार) जेल नंबर-8 में तलाशी अभियान चलाया. इस दौरारन एक सेल से मोबाइल फोन बरामद किया गया. उसके बाद कैदियों और जेल वार्डन के बीच कहासुनी शुरू हो गई. तिहाड़ प्रशासन के मुताबिक कैदियों ने खुद को चोटिल कर लिया. इसके बाद 21 कैदी घायल हो गए. 17 कैदियों को हल्की चोट लगी. जिनका इलाज जेल के अस्पताल में चल रहा है. जबकि 4 कैदियों को डीडीयू अस्पताल में भर्ती कराया गया. फिलहाल तिहाड़ प्रशासन घटना की जगह पर लगे तमाम सीसीटीवी कैमरे को खंगाल रहे हैं. हर कैदी के रोल को देखा जा रहा है.
दरअसल, तिहाड़ की जेल नंबर-8 के एक वार्ड में मोबाइल फोन के उपयोग की गुप्त सूचना के आधार पर 21 जून (बुधवार) को 05:20 बजे से 05:50 बजे के बीच तलाशी ली गई. इसके परिणामस्वरूप एक मोबाइल और सुआ बरामद हुआ. इसके बाद, जेल सीसीटीवी नियंत्रण कक्ष ने बैरक में कैदियों की असामान्य गतिविधि देखी जहां से उपरोक्त बरामदगी की गई.
इस मामले पर कैदियों से पूछताछ की गई. जिसके परिणामस्वरूप एक सिम कार्ड और एक तात्कालिक मोबाइल चार्जर बरामद हुआ. पूछताछ के दौरान एक अन्य कैदी ने एक मोबाइल फोन रखने की बात स्वीकार की. जिसे उसे सौंपने के लिए कहा गया था. उक्त छिपे हुए मोबाइल फोन की बरामदगी के लिए कर्मचारी नियंत्रण कक्ष से बैरक तक उसके साथ गए.
हालांकि, बैरक में पहुंचने पर वहां मौजूद अन्य सह-कैदियों ने उसे जेल प्रशासन को मोबाइल फोन नहीं सौंपने के लिए उकसाया. अन्य कैदियों ने भी जेल कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया. 20 से अधिक कैदियों ने जेल प्रशासन को डराने के लिए खुद को चोट पहुंचाई ताकि उन्हें बैरक से छिपा हुआ मोबाइल फोन बरामद करने से रोका जा सके.
हंगामे के दौरान एक कैदी ने छिपा हुआ मोबाइल फोन निकाला और अपने परिवार के सदस्यों को फोन किया. जिन्होंने पीसीआर-112 को कॉल किया और जेल कर्मचारियों द्वारा जेल के अंदर कैदियों को पीटने का आरोप लगाया. नियंत्रण कक्ष में मौजूद अतिरिक्त कर्मचारी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया. घायल कैदियों का जेल डिस्पेंसरी के अंदर खुद को लगी चोटों के लिए इलाज किया गया और उनमें से 4 को खुद को चोट पहुंचाने के दौरान गहरी चोट लगने के कारण डीडीयू अस्पताल में रेफर किया गया.
इसके बाद, हंगामे के दौरान सीसीटीवी रिकॉर्डिंग की समीक्षा से रात लगभग 10.30 बजे छिपा हुआ मोबाइल फोन बरामद हुआ. जिसका इस्तेमाल एक कैदी ने अपने परिवार के सदस्यों को फोन करने के लिए किया था. कैदियों द्वारा खुद को चोट पहुंचाकर जेल प्रशासन को डराने-धमकाने की घटना सीसीटीवी मे किस हुई है. घटना की शिकायत पुलिस स्टेशन, हरि नगर में कर दी गई है. दोषी कैदियों के खिलाफ दिल्ली जेल नियमों के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.