निजी अस्पताल-क्लीनिक आज बन्द, इलाज करेंगे आयुर्वेदिक चिकित्सक
गोरखपुर: मिक्सोपैथी को इजाजत मिलने से प्राइवेट चिकित्सा क्षेत्र में आक्रोश बढ़ गया है। इस निर्णय से खुन्नस में आये इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। आज प्राइवेट अस्पतालों और क्लिनिक को सुबह 6 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक बन्द किया गया है है। हालांकि सरकारी अस्पतालों में इलाज चल रहा है और आयुर्वेदिक चिकित्सकों ने ज्यादा समय तक इलाज करने की घोषणा कर दी है।
मिक्सोपैथी को लेकर बढ़ी रार से शुक्रवार को जिले में डॉक्टर हड़ताल पर हैं। निजी अस्पताल, क्लीनिक व डायग्नोस्टिक सेंटर में रुटीन जांच और इलाज बंद है। सिर्फ इमरजेंसी में ही मरीजों की जांच और इलाज हो पा रहा है। यहां तक कि प्राइवेट अस्पतालों व क्लीनिक में ओपीडी भी बंद कर दी गई है।
इधर, निजी अस्पतालों में बन्द ओपीडी के बंद होने का बाद भी सरकारी अस्पताल खुले हैं। स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों का कहना है कि हर मरीज को स्वास्थ्य से देने का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। जिला अस्पताल, महिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी, एम्स और बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ओपीडी संचालित है। यहां पर मरीजों को इलाज की हर सुविधा मिल रही है।
आईएमए ने कहा
आईएमए के जिला सचिव डॉ. वीएन अग्रवाल ने कहा कि सरकार आयुर्वेदिक डॉक्टरों को सर्जरी की अनुमति देना गलत है। सर्जरी का कार्य सिर्फ सर्जन ही करता है। बावजूद इसके उन्हें अनुमति मिली है, जिन्होंने कभी सर्जरी की पढ़ाई ही नहीं की है। यह विचारणीय है कि जिनके द्वारा सर्जरी का एबीसीडी नहीं सीखा गया, वे मरीजों का ऑपरेशन कर उन्हें नया जीवन कैसे देंगे। यह खतरे से खाली नहीं है।
बोले मीडिया प्रभारी
मीडिया प्रभारी डॉ. अमित मिश्रा का कहना है कि चिकित्सा में एक पैथी की पढ़ाई करके दूसरी पैथी की प्रैक्टिस करने की अनुमति देना एक बेहद खतरनाक कदम है। विश्व के किसी भी देश मे ऐसा करने की अनुमति नहीं है। ऐसा करने से हर चिकित्सा पद्धति का विनाश ही होगा।
ओपीडी देख रहे आयुर्वेद डॉक्टर्स
मिक्सोपैथी के विरोध में आईएमए के आन्दोलन पर आयुर्वेद चिकित्सक भड़क गए हैं। आईएमए की हड़ताल के विरोध में आयुर्वेदिक चिकित्सकों ने ओपीडी में ज्यादा समय देकर मरीजों का इलाज करने का निर्णय किया है।
05 हजार पूर्व महर्षि सुश्रुत ने किया था ऑपरेशन : नीमा
नेशनल इन्टीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन (नीमा) के प्रान्तीय कोषाध्यक्ष डॉ. जेपी नारायण का कहना है कि चिकित्सा क्षेत्र में एकाधिकार गलत है। अपने पेशेवर हित को साधने के लिए एलोपैथिक चिकित्सकों का संगठन आईएमए झूठा और भ्रामक प्रचार कर रहा है। प्राचीनतम आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति एवं इससे जुड़े चिकित्सकों को अपमानित किया जा रहा है। यह राष्ट्र एवं भारतीय संस्कृति का अपमान है।
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सर्जरी केवल एलोपैथ की बपौती नहीं है। आयुर्वेद में सर्जरी का जन्म महर्षि सुश्रुत ने पांच हजार वर्ष पूर्व ही कर दिया था। उन्हें विश्व सर्जरी का जनक मानता है। यही कारण है कि न्यूयार्क मेडिकल कॉलेज, रोहतक मेडिकल कालेज व अन्य चिकित्सा संस्थानों में उनकी प्रतिमा स्थापित है। इतना ही नहीं, आईएमए के चिकित्सक ग्रामीण अंचलों में नहीं जाते, जबकि देश की 80 प्रतिशत आबादी गांवों में बसती है।
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