स्वास्थ्य कार्यक्रमों को सुदृढ़ व गुणवत्तापूर्ण बनाने को आगे आएं निजी अस्पताल
स्वास्थ्य विभाग व द चैलेंज इनिशिएटिव-पीएसआई इंडिया के सहयोग से बैठक आयोजित
फर्रुखाबाद : सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के संयुक्त प्रयास से शहरी क्षेत्र में परिवार कल्याण समेत अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों को सुदृढ़ व गुणवत्तापूर्ण बनाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग के नेतृत्व में द चैलेंज इनिशिएटिव (टीसीआई) व पापुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल इंडिया (पीएसआई इंडिया) के सहयोग से स्थानीय एक निजी होटल में बैठक हुई। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ-आरसीएच) डॉ. दलवीर सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में शहरी क्षेत्र में परिवार कल्याण कार्यक्रमों व अन्य स्वास्थ्य सेवाओं में निजी अस्पतालों और निजी चिकित्सकों की अहम भूमिका पर चर्चा हुई। बैठक में जनपद के 36 निजी अस्पतालों से प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञों व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर एसीएमओ डॉ. दलवीर सिंह ने नगरीय निजी क्षेत्र की मातृ शिशु स्वास्थ्य की रिपोर्टिंग स्थिति साझा की और उसमें सुधार का सन्देश दिया। इसके साथ ही सभी स्वास्थ्य संकेतकों की रिपोर्ट हेल्थ मैनेजमेंट इन्फार्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) पोर्टल पर समय से साझा करने की आवश्यकता पर जोर दिया। बैठक में उपस्थित चिकित्सकों से कहा कि स्वास्थ्य कार्यक्रमों को और बेहतर बनाने के लिए निजी सेवा प्रदाताओं की अधिक भागीदारी की आवश्यकता है। उन्होंने सभी को पोर्टल या सीएमओ कार्यालय में आंकड़े साझा करते समय एक बार उसकी समीक्षा जरूर करने के लिए प्रोत्साहित भी किया। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन (बास्केट ऑफ़ च्वाइस) से सम्बन्धित आईईसी सामग्री (पोस्टर-बैनर) को निजी चिकित्सालयों में निर्धारित स्तर पर प्रदर्शित किया जाए और काउंसिलिंग के दौरान उनका इस्तेमाल किया जाए।
पीएसआई इंडिया की शुभ्रा त्रिवेदी ने प्रसव पश्चात परिवार नियोजन सेवाओं के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि निजी अस्पतालों के उच्च प्रभावी हस्तक्षेप, प्रसवोत्तर परिवार नियोजन सेवाओं से जोड़ने, क्षमता निर्माण और आंकड़ों के संग्रह पर जोर दिया जाए ताकि योजनाओं के निर्माण में उनका सही इस्तेमाल किया जा सके। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (एनएफएचएस) चार और पांच के आंकड़ों पर तुलनात्मक चर्चा भी हुई। इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सर्वेश यादव ने भी कहा कि स्वास्थ्य कार्यक्रमों को सही मायने में धरातल पर उतारने में निजी अस्पतालों की भागीदारी जरूरी है। उन्होंने जन्म के समय बच्चों को दी जाने वाली टीके की डोज व नियमित टीकाकरण के बारे में भी बताया और वैक्सीन की उपलब्धता पर भी चर्चा की। स्वास्थ्य इकाई पर प्रसव पूर्व जांच के लिए आने वाली महिलाओं की काउंसिलिंग बेहतर तरीके से करने का सुझाव भी दिया। डिप्टी सीएमओ डॉ. राजेश चन्द्र माथुर ने पुरुष नसबंदी में जिले की स्थिति पर प्रकाश डाला।
निजी सेवा प्रदाताओं ने भी कहा कि वह स्वास्थ्य विभाग की अपेक्षाओं पर शत-प्रतिशत खरा उतरने की कोशिश करेंगे ताकि जनपद की स्वास्थ्य सेवाओं को समुदाय तक आसानी से पहुँचाया जा सके। उन्होंने पीएसआई इंडिया द्वारा प्रदान की गई आईईसी सामग्री और परिवार नियोजन रिकॉर्ड रजिस्टरों की भी सराहना की और कहा कि आईईसी परामर्श उद्देश्य के लिए बहुत उपयोगी है और रजिस्टर रिकॉर्ड को केंद्रीकृत रखने के लिए उपयोगी हैं। बैठक में ने डिप्टी सीएमओ डॉ. दीपक कटारिया ने स्वास्थ्य सेवाओं के संकेतकों- नियमित टीकाकरण, परिवार नियोजन सेवाओं विशेष रूप से प्रसवोत्तर और गर्भपात के बाद, मातृ स्वास्थ्य, प्रसव पूर्व जांच, एमटीपी, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, यूविन पोर्टल आदि की नियमित रिपोर्टिंग की सलाह दी। एचएमआईएस की रिपोर्टिंग स्थिति को भी साझा किया। जिला कार्यक्रम प्रबन्धक कंचनबालाला ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यक्रम का समापन किया। बैठक में पीएसआई-इंडिया से नौशाद अली, अनुज कुमार, विनोद कुमार, राजीव पाठक, हिमांशु, चन्दन, डीसीपीएम, एचएमआईएस ऑपरेटर, सीएमओ कार्यालय के कर्मचारी आदि भी उपस्थित रहे।