प्रियंका गांधी ने PM मोदी पर साधा निशाना, कहा- मेरे पिता को उनकी मां से विरासत में संपत्ति नहीं, शहादत मिली
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक भावनात्मक भाषण में अपने पिता के शरीर के टुकड़े घर लाने का जिक्र करते हुए बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि राजीव गांधी को उनकी मां से विरासत में संपत्ति नहीं “शहादत” मिली। कांग्रेस महासचिव ने यह भी कहा कि मोदी उनके परिवार के बलिदान को नहीं समझेंगे।
उन्होंने पार्टी के घोषणापत्र में “धन पुनर्वितरण” के वादे को लेकर कांग्रेस पर लगातार हमले को लेकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, “मोदी जी यह नहीं समझेंगे कि मेरे पिता को विरासत में संपत्ति नहीं मिली, उन्हें अपनी मां से विरासत में शहादत मिली।” राजीव गांधी की मां एवं पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर 1984 को दिल्ली स्थित उनके आवास पर उनके दो सिख अंगरक्षकों ने हत्या कर दी थी। प्रियंका ने मध्य प्रदेश के मुरैना में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए भावुक स्वर में कहा, “जब मोदीजी इंदिराजी जैसी महिला के बारे में बकवास करते हैं, जब मोदीजी देशभक्ति की इस भावना को देखकर केवल वंशवादी राजनीति देखते हैं, तो वह इस बलिदान को नहीं समझ सकते।”
मोदी ने पिछले हफ्ते मुरैना में एक रैली में आरोप लगाया था कि राजीव गांधी ने सत्ता में आने के बाद विरासत कर को खत्म कर दिया था ताकि उन्हें उनकी मां से विरासत में मिली संपत्ति पर कर न लगे। उन्होंने कहा था कि पहले मृत व्यक्ति की आधी संपत्ति कानूनन सरकार के पास चली जाती थी। प्रधानमंत्री ने कहा था, “तब चर्चा थी कि इंदिराजी ने अपनी संपत्ति की वसीयत अपने बेटे राजीव गांधी के नाम कर दी थी। (उनकी मृत्यु के बाद) सरकार को मिलने वाले पैसे को बचाने के लिए, तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने विरासत कर को समाप्त कर दिया।” कांग्रेस ने मोदी के दावे का पुरजोर खंडन किया था।
प्रियंका ने कहा, “लेकिन अब मैं समझ गई हूं कि इस तरह का गुस्सा उस व्यक्ति के लिए है जिसे आप बेहद प्यार करते हैं। मुझे इस देश से कितना प्यार है, मैं यह कैसे समझा सकती हूं, जब मोदीजी मेरे पिता को गद्दार कहते हैं। जब मोदीजी कहते हैं कि मेरे पिता ने अपनी मां से विरासत पाने के लिए कानून बदल दिया।” प्रियंका ने गांधी परिवार पर भाजपा नेताओं द्वारा किए जा रहे हमलों का भी जिक्र किया। कांग्रेस महासचिव ने कहा, “मैं कहना चाहती हूं कि चाहे हमें देशद्रोही कहो, चाहे हमें घर से निकालो, चाहे कानूनी मुकदमों में फंसाओ… जो करना है करो। हमारी जान ले लो। लेकिन देशभक्ति की भावना को हमारे दिल से कोई नहीं निकाल सकता।” उन्होंने 1991 में राजीव गांधी की हत्या को भी याद किया।
प्रियंका ने कहा, “मैं 19 साल की थी, जब मैं अपने पिता के शरीर के टुकड़े घर लाई तो मुझे अपने देश पर गुस्सा आ रहा था। मैं क्रोधित थी क्योंकि मैंने अपने पिता को गंवाया था और उन्हें सुरक्षित रखना आपका कर्तव्य था और आपने उन्हें मेरे पास टुकड़ों में वापस भेजा।” उन्होंने कहा, “और इन टुकड़ों को राष्ट्रीय ध्वज में लपेटा गया था मैं शहादत का मतलब समझती हूं। आज मैं 52 साल की हूं और यह पहली बार है जब मैं किसी सार्वजनिक मंच से इस बारे में बोल रही हूं।” श्रीपेरंबुदूर में 21 मई, 1991 को एक चुनावी रैली में एक महिला आत्मघाती हमलावर ने राजीव गांधी की हत्या कर दी थी। प्रियंका गांधी ने बलिदान की भावनाओं को उजागर करने के लिए पुलवामा आतंकी हमले के पीड़ितों के परिवार के सदस्यों के साथ अपनी मुलाकात को भी याद किया।