प्रियंका वाड्रा आज दिखाएंगी हरी झंडी, बाराबंकी से होगा तीन यात्राओं का शुभारंभ
लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस प्रदेश भर में आज से प्रतिज्ञा यात्रा निकालेगी। इसके लिए पूरे प्रदेश को तीन हिस्सों में बांटते हुए रूट तैयार किया गया है। पहला रूट अवध के बाराबंकी और बुंदेलखंड के जिलों को मिलाकर झांसी तक और दूसरा रूट पश्चिमी व बृज क्षेत्र के विभिन्न जिलों के लिए तैयार किया गया है। इसी प्रकार तीसरा रूट पूर्वांचल के लिए निर्धारित किया गया है। इन यात्राओं का एक साथ शुभारंभ पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा हरी झंडी दिखाकर करेंगी।
कांग्रेस की प्रतिज्ञा यात्रा के लिए बस का इस्तेमाल किया जा रहा है। बाराबंकी के अलावा यात्रा दो अन्य शहरों सहारनपुर और वाराणसी से भी यात्रा निकलेंगी। इस बारे में प्रेस कांफ्रेंस में जानकारी देते हुए पूर्व सांसद और पार्टी के छत्तीसगढ़ के प्रभारी पीएल पुनिया ने बताया कि पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा तीनों यात्राओं का शुभारंभ हरी झंडी दिखाकर बाराबंकी जिले से करेंगीं। इस मौके पर प्रियंका गांधी वाड्रा पार्टी के सात संकल्पों के बारे में विस्तार से बताएंगीं।
पुनिया ने बताया कि प्रतिज्ञा यात्रा का पहला रूट वाराणसी से शुरू होकर रायबरेली में समाप्त होगा, जिसमें चंदौली, सोनभद्र, मिर्जापुर, प्रयागराज, प्रतापगढ़ व अमेठी जिले शामिल होंगे। दूसरा रूट बाराबंकी से शुरू होकर झांसी में समाप्त होगा, जिसमें लखनऊ, उन्नाव, फतेहपुर, चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर और जालौन जिले शामिल होंगें।
तीसरा रूट सहारनपुर से शुरू होकर मथुरा में समाप्त होगा, जिसमें मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, बदायूं, अलीगढ़, हाथरस, आगरा जिले शामिल होंगे। पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बताया कि कांग्रेस ने महिलाओं को 40 प्रतिशत टिकट देने, छात्राओं को स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक स्कूटी देने की प्रतिज्ञा की है।
सपने दिखाने में प्रियंका का भी कोई जवाब नहीं: सिद्धार्थनाथ वहीं, कैबिनेट मंत्री व राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह का कहना है कि सपने दिखाने में कांग्रेस का कोई जवाब नहीं है। प्रियंका गांधी भी वही कर रही हैं। सत्ता में आने पर बच्चियों को स्मार्टफोन और स्कूटी देने का वादा कर रही हैं। जिस पार्टी का प्रदेश में कोई संगठन न हो, चुनावों में जिसे बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं के लाले रहते हों, वह सत्ता में आएगी और चुनावी वायदे पूरा करेगी, यह कुछ उसी तरह है जैसे ‘ना नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी।