भ्रष्टाचार मुक्त हुए बगैर देश की तरक्की असंभव : प्रो कृपाशंकर
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में ’’भविष्य का भारत अवसर एवं चुनौतियां’’ विषयक संगोष्ठी का आयोजन
-सुरेश गांधी
वाराणसी : महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी के वाणिज्य विभाग के तत्वावधान में बुधवार को आजादी के अमृत महोत्सव के पावन अवसर पर विभागाध्यक्ष प्रो कृपाशंकर जायसवाल की अध्यक्षता में ’’भविष्य का भारत अवसर एवं चुनौतियां’’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रो अजीत कुमार शुक्ल ने किया। प्रो कृपाशंकर जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2047 के विजन को हम तभी साकार कर सकते है, जब हमारा देश पूरी तरह भ्रष्टाचार मुक्त हो। इसके लिए न सिर्फ युवाओं को आगे आना होगा, बल्कि समाज के हर नागरिक को जागरुक होना पड़ेगा।
प्रो अजीत शुक्ला ने कहा कि आगामी 25 वर्षों में भारत जहां पहुंचना चाहता है, उसकी नींव हमें आज ही रखनी होगी। अगर हमें चुनौतियां देखनी है तो एशिया के दो देशों जापान एवं दक्षिण कोरिया तथा दक्षिण अमेरिका का देश ब्राजील जैसे देशों को देख सकते हैं, जो भारत के बाद आजाद हुए, लेकिन भारत से अधिक विकसित हैं। भारत के विकासशील देश होने का कारण बेरोजगारी, अशिक्षा, प्रति व्यक्ति कम आय आदि है। उन्होंने कहा कि भारत को विकसित देश बनाने के लिए नवयुवक एवं नवयुवतियां जो सुप्त अवस्था में हैं, उनको जागृत करना होगा। प्रत्येक व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनना होगा। हमारा लक्ष्य यह होना चाहिए कि देश विकसित देशों की श्रेणी में हो। उन्होंने मोहम्मद इकबाल के बहुचर्चित गीत की कुछ पंक्तियों को दोहराते हुए कहा कि यूनान, मिश्र रोमन सब मिट गये जहां से अब तक मगर है बाकी नामोनिशां हमारा। सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा।
प्रो. अशोक कुमार मिश्र ने कहा कि हमारे पास नीति, दृष्टि, तकनीक, कुशलता और मानव संसाधन की कमी नहीं है, इसके बावजूद हम पिछड़े है तो इसकी बड़ी देश के रग-रंग में समा चुका भ्रष्टाचार है, जो दीमक की तरह हमारे देश को खोखला कर रहा है। कार्यक्रम के अन्त में पूर्व संकायाध्यक्ष वाणिज्य संकाय प्रो अजीत कुमार शुक्ल ने कहा कि आज का दिवस पूर्वावलोकन व आत्ममंथन का दिवस है जिसका प्रमुख उद्देश्य शरणार्थियों के द्वारा सही गयी यातनाओं को यादकर उनके प्रति श्रद्धांजली अर्पित करना है। इस दौरान उन्होंने आजादी की पूरी क्रान्तिकारी घटनाओं को विद्यार्थियों के नयन पटल पर प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन आयुष कुमार व धन्यवाद ज्ञापन डॉ धनन्जय विश्वकर्मा ने किया। इस अवसर पर विभाग के पूर्व संकायाध्यक्ष एवं पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. कृष्ण कुमार अग्रवाल, पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. सुधीर कुमार शुक्ल एवं संकाय के सभी आचार्य तथा समस्त शोधछात्र उपस्थित थे। कार्यक्रम में विभाग के सभी छात्र-छात्राओं ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये।