पंचकुला : हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने पुलिस विभाग के वरिष्ठ फील्ड अधिकारियों को लोगों के प्रति अधिक संवेदनशील होने, उन्हें धैर्यपूर्वक सुनने और उनकी शिकायतों का पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से निवारण करने के निर्देश दिए ।
शत्रुजीत कपूर ने यह निर्देश पुलिस मुख्यालय, पंचकुला में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए।
पुलिस को किसी भी सरकार का चेहरा बताते हुए श्री कपूर ने शिकायतों के त्वरित निवारण की आवश्यकता पर बल दिया ताकि त्वरित और निष्पक्ष न्याय सुनिश्चित करने के साथ-साथ भ्रष्टाचार को भी खत्म किया जा सके। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता की संतुष्टि के स्तर का पता लगाने के लिए फीडबैक लेने की एक प्रणाली विकसित की जानी चाहिए। इससे न केवल शिकायत निवारण प्रणाली अधिक पारदर्शी होगी बल्कि लोगों का पुलिस पर विश्वास और अधिक बढ़ेगा।
राज्य में महिलाओं को सुरक्षित माहौल प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए डीजीपी ने कहा कि पुलिस को राज्य में ऐसा माहौल विकसित करने के लिए काम करना चाहिए जहां महिलाएं या बेटियां देर से घर आने पर भी सुरक्षित महसूस कर सकें। उन्होंने फील्ड इकाइयों को लड़कियों के स्कूल और कॉलेज क्षेत्रों और बाजारों में पुलिस गश्त तेज करने के निर्देश दिए ताकि छेड़खानी करने वालों को कड़ा संदेश दिया जा सके।
बैठक में कपूर ने गैंगस्टरों को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि या तो वे अपराध की दुनिया छोड़ दें या हरियाणा छोड़ दें। उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रदेश में गैंग कल्चर विकसित नहीं होने दूंगा’’। उन्होंने पुलिस को गैंगस्टरों और हार्ड कोर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए और कहा कि संगठित अपराधों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए एसटीएफ को और मजबूत किया जाएगा।
राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करते हुए उन्होंने उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा कि वे राज्य में माहौल खराब करने की कोशिश करने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ सतर्क रहे। उन्होंने कहा कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। उन्होंने सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रखने और नफरत भरे भाषणों के जरिए राज्य में शांति भंग करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया हेतु पुलिस अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान करने और स्वैट टीमें बनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
डीजीपी ने कहा कि पुलिस का काम हमेशा चुनौतीपूर्ण माना जाता है और एक डीजीपी होने के नाते पुलिस कर्मियों और उनके बच्चों की भलाई के लिए काम करना उनकी नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों की क्षमता निर्माण के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे ताकि उनके कौशल को बढ़ाया जा सके। इसके अलावा, उनके बच्चों को रोजगार योग्य बनाने के लिए राज्य की पुलिस अकादमियों में प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
ग्राम प्रहरी योजना की समीक्षा करते हुए कपूर ने कहा कि यह हरियाणा पुलिस की एक अनूठी पहल है जिसके तहत पुलिस अधिकारी गांवों का दौरा करते हैं और आपराधिक तत्वों की पहचान करने के लिए संदिग्ध व्यक्तियों, विशेषकर युवाओं के बारे में जानकारी इकट्ठा करते हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि बदमाशों, छेड़छाड़ करने वालों, ड्रग तस्करों और नशे करने वालों का एक डेटाबेस तैयार किया जाए ताकि उनसे प्रभावी ढंग से निपटने के लिए रणनीति तैयार की जा सके।