नई दिल्ली : पुडुचेरी की परिवहन मंत्री चंद्रा प्रियंका ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए मंगलवार (10 अक्टूबर) को मंत्री पद से अपना इस्तीफा दे दिया. उनका इस्तीफा ऐसे समय आया है जब केंद्र शासित प्रदेश राजनीतिक अनिश्चितताओं और नेतृत्व परिवर्तन से जूझ रहा है. उनके इस्तीफे से राजनीतिक हलकों में पुडुचेरी में सरकार की स्थिरता को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है, क्योंकि सत्तारूढ़ दल के पास विधानसभा में अल्प बहुमत है. कैबिनेट या राजनीतिक पुनर्गठन में कोई भी संभावित फेरबदल केंद्र शासित प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है.
अपने इस्तीफे में उन्होंने कहा कि वह अब षडयंत्रकारी राजनीति से नहीं लड़ सकतीं और उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से माफी मांगी. उन्होंने कहा, “आम तौर पर कहा जाता है कि निचले समाज की महिलाएं अगर राजनीति में आएंगी तो उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा. मैं मिले अवसरों का पूरा फायदा उठाकर लोगों के लिए दिन-रात काम कर रही हूं.”
उन्होंने आगे कहा, “मुझे एहसास हुआ कि भले ही मैं लोगों के प्रभाव से मंच पर आ जाऊं, लेकिन साज़िश की राजनीति और पैसे के बड़े राक्षस के सामने लड़ना इतना आसान नहीं है. एक दलित महिला के रूप में, दलित महिला होने के दोहरे गौरव के साथ, मुझे नहीं पता था कि ये दूसरों की जिद थी और मुझे लगातार जाति और लिंग के आधार पर हमले का सामना करना पड़ा.”