चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने सामाजिक सुरक्षा विभाग के माध्यम से बुजुर्गों, विधवाओं, आश्रित बच्चों और दिव्यांगजनों की पेंशन संबंधी एक सर्वे करवाया है. सर्वे में सामाजिक सुरक्षा अधिकारियों ने 90,248 मृतकों की पहचान की है, जिनके खाते में पेंशन भेजी जा रही थी. सर्वे के बाद मृतक लोगों के खातों में पेंशन भेजनी बंद कर दी गई है. सरकार ने अधिकारियों को आदेश जारी किए हैं कि मृतक लोगों के खातों में पड़ी आवंटित राशि को 21 अक्टूबर तक वापस सरकार के खाते में जमा करने की व्यवस्था की जाए ताकि सरकार को वित्तीय नुकसान न हो और इस राशि को जरूरतमंद लोगों को वितरित किया जा सके.
पंजाब की सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग के मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि बीते 4 अगस्त को उन्होंने विभाग के जिला अधिकारियों के साथ मीटिंग की थी. मीटिंग के दौरान उन्होंने जिला अधिकारियों को हिदायत की थी कि बुढ़ापा पेंशन, विधवा और बिना आश्रय प्राप्त औरतों, आश्रित बच्चों और दिव्यांगजनों के लिए वित्तीय सहायता स्कीम के मृत हो चुके लाभार्थियों की पहचान की जाए. यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी मृतक लाभार्थी के खाते में पेंशन न भेजी जाए, जिसके बाद विभाग ने एक सर्वे कराने का निर्णय लिया था.
साथ ही सामाजिक सुरक्षा अधिकारियों को पेंशन धारकों की सूची का सत्यापन करने के निर्देश दिए गए थे. इसके बाद अधिकारियों ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद से जिलावार डाटा एकत्रित किया था. मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि आंकड़े एकत्रित करने के बाद अधिकारियों को मृतक लोगों की पेंशन तुरंत बंद करने के आदेश जारी कर दिए गए थे. इसके बाद उनके खातों में भेजी गई पेंशन को रिकवर करने प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. रिकवर की जाने वाली धनराशि का इस्तेमालसरकार अन्य कल्याणकारी कार्यों में इस्तेमाल करेगी. उन्होंने कहा कि सरकार कई स्रोतों से पैसा बचाने के प्रयास कर रही है और जनता के विकास के लिए वचनबद्ध है.