पंजाबराज्य

पंजाब ने राष्ट्रीय खिलाड़ियों का वजीफा बढ़ाया, अब 8000 की जगह 16000 रुपए महीना

चंडीगढ़ : खेल के क्षेत्र में छिन चुकी पुरातन शान बहाल करने के लिए आम आदमी सरकार की दृढ़ वचनबद्धता दोहराते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राष्ट्रीय खेलों में पदक जीतने वाले 147 खिलाड़ियों को 5.43 करोड़ की नकद राशि से सम्मानित किया। यहाँ म्यूनिसिपल भवन में समागम की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में पंजाब पहला राज्य बन गया है जिसने राष्ट्रीय खेल के विजेताओं को सम्मानित किया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खेल के स्वर्ण पदक विजेताओं को 5-5 लाख रुपए, रजत पदक विजेताओं को 3-3 लाख रुपए और कांस्य पदक विजेताओं को 2-2 लाख रुपए से सम्मानित किया गया है।

मान ने कहा कि पंजाब में खेल को काफी प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार ने रूपरेखा तैयार की है। ओलंपियन बलबीर सिंह सीनियर वज़ीफ़ा स्कीम के अंतर्गत खिलाड़ियों को 16,000 रुपए महीना वज़ीफ़ा देने का ऐलान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहाकि इन नौजवान खिलाड़ियों का मनोबल ऊँचा उठाने के लिए राज्य सरकार ने यह बड़ा फ़ैसला लिया है।

उन्होंने दुःख ज़ाहिर किया कि पहले माता-पिता नहीं थे चाहते कि उनके बच्चे खेल में हिस्सा लें। परन्तु अब यह पहल निर्णायक बदलाव लाएगी और उभरते खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल में हिस्सा लेने के लिए उच्च स्तरीय बुनियादी ढांचा प्रदान करके राज्य में खेल के नये युग की शुरुआत होगी। खिलाड़ियों को पेशेवर कोच, ख़ुराक और अन्य सहूलतों के साथ विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा यकीनी बनाया जाएगा जिससे वह अपने राज्य और देश का नाम रोशन कर सकें।

मुख्यमंत्री ने कहाकि नयी खेल नीति जल्द ही लागू की जा रही है। जिसमें ओलंपिक और अन्य अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में अधिक से अधिक मैडल जीतने पर ज़ोर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस नीति का मसौदा सभी भाईवालों की विचार-चर्चा के साथ तैयार किया गया है जिससे खेल और खिलाड़ियों को बड़ा उत्साह मिल सके। इसका मुख्य उद्देश्य पंजाब को खेल के क्षेत्र में अग्रणी राज्य के तौर पर उभारना है।

खेल को अनदेखा करने के लिए पिछली सरकारों की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बेरुख़ी वाले रवैये के कारण खेल में कई दिग्गज खिलाड़ी पैदा करने वाला राज्य खेल के क्षेत्र में पिछड़ गया। स्कूलों में खेल सभ्याचार को प्रफुल्लित करने के लिए राज्य सरकार अब डी. पी. और पी. टी. आई. अध्यापकों की भर्ती जंगी स्तर पर कर रही है। पंजाब सरकार द्वारा खेल की तरफ विशेष ध्यान दिया जा रहा है और गाँवों में जल्द ही विश्व स्तरीय खेल स्टेडियम बनाए जाएंगे। जिससे ग्रामीण लोगों की उभरती प्रतिभा को निखारा जा सके जिससे नौजवान नशों की बीमारी से दूर रह सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे खिलाड़ियों ने राज्य के लिए यश अर्जित किया है और अब राज्य सरकार की ज़िम्मेदारी बनती है कि इन उपलब्धियों को मान्यता दी जाये। महान खिलाड़ियों और उनकी उपलब्धियों के साथ अपनी निजी सांझ ज़ाहिर करते हुये भगवंत मान ने ख़ास तौर पर उसेन बोल्ट, मार्टिना नवरातिलोवा, बोरिस बेकर, मारिया शारापोवा, अर्जुना राणातुंगा और अन्य खिलाड़ियों का ज़िक्र किया जिन्होंने खेल के क्षेत्र में अहम जीतें दर्ज की।

उन्होंने खिलाड़ियों को कहा कि वह खेल में अपनी अलग जगह बनाने के लिए इन महान खिलाड़ियों के नक्शे-कदम पर चलें। आत्म-विश्वास, मेहनत और समर्पण को सफलता की कुंजी बताते हुये मुख्यमंत्री ने उभरते खिलाड़ियों को हरेक स्थिति में अपने और अपनी काबिलीयत में विश्वास रखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि यह आत्म-विश्वास सभी रुकावटों को पार करने और देश के लिए पदक जीतने में मददगार होगा।

भगवंत मान ने उम्मीद ज़ाहिर की कि वह दिन दूर नहीं, जब राज्य के नौजवान पंजाब और देश के लिए पदक जीत कर इतिहास सृजित करेंगे। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा कि राज्य सरकार ने गाँव स्तर पर नये स्टेडियम बनाने के लिए खेल बजट में पहले ही बढ़ोतरी किया गया है। जिससे गाँव स्तर जहाँ कुदरती हुनर मौजूद है, में हुनर को तराशा जाये, जबकि पहले इसको नजरअन्दाज किया गया। ‘खेडां वतन पंजाब दियां’ की बात करते हुये उन्होंने कहा कि इन खेलों ने राज्य में खेल गतिविधियों को बढ़ावा देकर खिलाड़ियों की ऊर्जा को रचनात्मक दिशा में लगाया।

इस दौरान खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने बताया कि पंजाब की खेल नीति को एक पृथक दस्तावेज़ बनाने के लिए विभाग सख़्त मेहनत कर रहा है, जो खिलाड़ियों को अनुकूल माहौल मुहैया करेगी। उन्होंने कहा कि इतिहास में यह पहला मौका है, जब थल सेना, जल सेना और अन्य सेवाओं के राष्ट्रीय अवार्ड विजेताओं को राज्य सरकार की तरफ से सम्मानित किया गया है।

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