चंडीगढ़ : पंजाब शासन सुधार विभाग (डीजीआर) द्वारा सरकारी सेवाओं के लिए अदा की जाती फीस की रसीदें आवेदकों को अब उनके मोबाइल पर एसएमएस द्वारा भेजने का फ़ैसला किया है। इससे न सिर्फ़ 1.3 करोड़ कागज़ों की बचत होगी। बल्कि सरकारी खजाने से सालाना तकरीबन 80 लाख रुपए का बोझ भी घटेगा।
शासन सुधार और लोक शिकायत निवारण मंत्री अमन अरोड़ा ने बताया कि यह सेवा शुक्रवार से शुरू हो गई। कागज़ी रसीद प्रणाली के ख़ात्मे से सेवा केन्द्रों में कार्बन का प्रयोग घटेगा। आवेदकों को अब कागज़ी रसीदों के खो जाने की चिंता नहीं रहेगी। क्योंकि अब वह एसएमएस द्वारा आसानी से अपनी भुगतान रसीदें प्राप्त कर सकेंगे। शासन सुधार मंत्री ने कहा कि डिजिटल रसीदों पर आम कागज़ी रसीदों वाली सारी जानकारी उपलब्ध होगी। परन्तु यदि कोई आवेदक कागज़ी रसीद लेना चाहेंगे तो उसे बिना किसी अतिरिक्त ख़र्च के हस्ताक्षर और मोहर लगी हुई रसीद दी जाएगी। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वह कागज़ी रसीदों की माँग न करें।
अमन अरोड़ा ने कहा कि रसीद की ऑफिस कॉपी आवेदन फार्म के पहले पन्ने के पिछले तरफ़ प्रिंट की जाएगी। सेवा केन्द्रों के ऑपरेटर की तरफ से इस पर हस्ताक्षर करके मोहर लगाई जाएगी। फार्म-रहित सेवा केस में सिस्टम जैनरेटिड फार्म के पिछली तरफ़ ज़रूरत पड़ने पर रसीद प्रिंट की जाएगी। अमन अरोड़ा ने कहाकि आज के डिजिटल युग में डिजिटल रसीद सफल विकल्प साबित हो चुकी है क्योंकि इनको स्टोर करना और ज़रूरत पड़ने पर इन तक पहुँच करना आसान है।
उन्होंने कहा कि पेपर-रहित फीस रसीद प्रणाली सेवा प्रदान करने वालों और उपभोक्ताओं दोनों के समय की भी बचत करेगी। क्योंकि, इससे सेवा केन्द्रों में काऊंटरों पर रसीद प्रिंट करने के समय की भी बचत होगी। उन्होंने कहा कि इससे प्रिंटिंग पर आने वाले सालाना तकरीबन 80 लाख रुपए के खर्चे की भी बचत होगी। इस दौरान डायरेक्टर गिरिश दियालन ने बताया कि इस सिस्टम को डीजीआर की अपनी सॉफ्टवेयर टीम द्वारा डिज़ाइन और तैयार किया गया है, जिसमें प्रियांक शर्मा, सुखविन्दर सिंह और रोबिन शामिल हैं।