उत्तराखंड

राजनीतिक सुचिता: स्थायित्व और भरोसे की नई परिभाषा बने पुष्कर धामी

देहरादून: उत्तराखण्ड में लंबे समय बाद राजनीतिक स्थायित्व की वापसी हुई है। नेतृत्व संकट और सत्ता की खींचतान से गुजरते इस पर्वतीय राज्य को अब स्पष्ट दिशा और मजबूत सरकार मिली है। धामी सरकार की सबसे बड़ी ताक़त उसकी राजनीतिक सुचिता रही है जहां नीति में पारदर्शिता है, कार्यशैली में समर्पण और लक्ष्य केवल जनकल्याण है। सत्ता के केंद्र में खड़े युवा नेतृत्व ने यह सिद्ध कर दिया है कि जब विचार स्पष्ट हों और इरादे मजबूत, तो सुशासन एक स्वाभाविक परिणाम बन जाता है।

प्रधानमंत्री मोदी के भरोसे का नेतृत्व पुष्कर धामी

उत्तराखण्ड के इस युवा नेतृत्व को केवल प्रदेश की जनता का ही नहीं, बल्कि केन्द्र के शीर्ष नेतृत्व का भी पूर्ण समर्थन प्राप्त है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जैसे वरिष्ठ नेताओं ने अनेक मंचों से धामी की कार्यशैली और दूरदर्शिता की सार्वजनिक सराहना की है। यह विश्वास केवल शब्दों तक सीमित नहीं है, बल्कि उत्तराखण्ड के लिए घोषित की जा रही नीतियों, योजनाओं और केंद्र से मिल रहे विशेष सहयोग में स्पष्ट रूप से परिलक्षित होता है। धामी अब सिर्फ एक मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि उदाहरण हैं कि जब नेतृत्व भरोसे पर टिका हो, तो राज्य आत्मविश्वास से भर उठता है।

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