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राममंदिर की नींव में पुष्कर सरोवर का पानी व 55 मंदिरों की डाली जाएगी मिट्टी

जयपुर : राम मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त को भूमि पूजन होगा। भूमि पूजन के लिए देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों की मिट्टी और पवित्र नदियों का पानी काम में लिया जाएगा। इसी के तहत राजस्थान के 55 प्रमुख मंदिरों व तीर्थ स्थलों की पवित्र मिट्टी नींव में डाली जाएगी। तीर्थराज पुष्कर सरोवर का पानी भी भूमि पूजन में काम आएगा। जोधपुर के जूना खेड़ापति हनुमान मंदिर ट्रस्ट की तरफ से चांदी की ईंट अयोध्या भेजी जा रही है। यह ईंट नींव में रखी जाएगी।

पुष्कर स्थित देश के एकमात्र ब्रहमा मंदिर से भी पूजन सामग्री अयोध्या भेजी जा रही है। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) की अगुवाई में मिट्टी,पानी और पूजन सामग्री अयोध्या भेजी जा रही है। प्रदेश के प्रमुख आश्रमों के संत, महंत व मंदिरों के ट्रस्टी 2 अगस्त को अयोध्या के लिए रवाना होंगे। कोरोना महामारी को देखते हुए विहिप के आह्वान पर पहले से तय कम संख्या में संत व महंत अयोध्या जाएंगे। पहले प्रदेश से करीब 200 संतों व महंतों का अयोध्या जाने का कार्यक्रम था,लेकिन अब आधे ही जाएंगे। प्रदेश से मिट्टी (रज कण) और पानी भेजने का काम विहिप के पदाधिकारियों ने संभाला है। विहिप के केंद्रीय सह मंत्री नरपत सिंह शेखावत व प्रदेश अध्यक्ष प्यारे लाल की अगुवाई में यह काम किया जा रहा है।

अयोध्या भेजी गयी इन मंदिरों की मिट्टी : राजसमंद के नाथद्वारा श्रीनाथ जी मंदिर, अजमेर के ब्रहमा मंदिर, चित्तोडगढ़ के सांवलिया जी मंदिर, जयपुर से मोती डूंगरी गणेशजी, गोविंद देवजी, गलता पीठ, घाट के बालाजी, शिलामाता, झूलेलाल मंदिर अमरापुर, श्री ताड़केश्वर महादेव मंदिर, त्रिवेणी धाम, शाकंभरी माता सांभर, ज्वाला माता मंदिर जोबनेर, वीर हनुमान मंदिर सामोद, पंचखंड पीठ विराटनगर, सीकर जिले से खाटूश्याम जी, रेवासा पीठ व जीणमाता मंदिर, चूरू जिले से सालासर बालाजी, ददरेवा धाम, झुंझुनूं जिले से रानी सती मंदिर, सूर्य मंदिर लोहार्गल, शाकंभरी माता मंदिर उदयपुरवाटी, अलवर जिले से भर्तृहरि धाम पांडुपोल, दौसा जिले से मेहंदीपुर बालाजी, करौली जिले से मदन मोहन जी मंदिर व कैला माता मंदिर, टोंक जिले से डिग्गी कल्याण जी, सवाईमाधोपुर जिले से त्रिनेत्र गणेश जी मंदिर से मट्टी अयोध्या भेजी जा रही है।

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