विदेशियों को लालच देकर सेना में भर्ती करवा रहे पुतिन, रुसी नागरिकता भी देने को तैयार
नई दिल्ली : यूक्रेन के साथ 22 महीनों से चल रहे युद्ध में नाकामी और बड़ी संख्या में अपने सैनिकों को खोने से भिन्नाए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अब विदेशी नागरिकों को सेना में भर्ती होने का लालच दे रहे हैं। पुतिन ने आदेश जारी किया है कि यूक्रेन में रूस के लिए लड़ने वाले विदेशी नागरिकों को अपने और अपने परिवार के लिए रूसी नागरिकता दी जाएगी। साथ ही सेना में भर्ती होने पर 100 गुना सैलरी भी दी जाएगी। पुतिन का यह बयान तब आया है कि जब दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध में ऐसी रिपोर्ट सामने आई हैं कि यूक्रेनी लड़ाके रूसी सैनिकों पर भारी पड़ रहे हैं। कुछ महीने पहले एक रिपोर्ट सामने आई थी कि पुतिन यूक्रेन युद्ध में अपने 90 फीसदी जवानों को खो चुके हैं।
व्लादिमीर पुतिन के गुरुवार को जारी आदेश में कहा गया है कि जिन लोगों ने यूक्रेन में मॉस्को के “विशेष सैन्य अभियान” के दौरान अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं, वे अपने और अपने जीवनसाथी, बच्चों और माता-पिता के लिए रूसी पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। रूसी नागरिकता के लिए विदेशी लोगों के रूसी सेना में कम से कम एक वर्ष काम करना होगा।
पात्र लोगों में वे लोग शामिल हैं जिन्होंने रूस की नियमित सशस्त्र बलों या अन्य वैगनर आर्मी जैसे भाड़े के संगठनों के साथ अनुबंध के लिए हस्ताक्षर किए हैं। रूस को लगता है कि इस उपाय से सैन्य अनुभव वाले विदेशियों को रूसी सेना में शामिल होने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
हालांकि मॉस्को ने यूक्रेन में अपनी तरफ से लड़ने वाले विदेशियों की संख्या पर डेटा प्रकाशित नहीं किया है लेकिन, समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने पहले क्यूबा के लोगों पर रिपोर्ट दी है, जिन्होंने क्यूबा के औसत मासिक वेतन से 100 गुना अधिक सैलरी के साथ रूसी सेना जॉइन की है।
एक सूत्र ने पिछले महीने रॉयटर्स को बताया कि एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में आकलन किया गया है कि यूक्रेन युद्ध में रूस के 315,000 सैनिक मारे गए और घायल हुए, जो उसके पास मौजूदा सैनिकों का 90 फीसदी है। हालांकि न तो रूस और न ही यूक्रेन ने 22 महीने के युद्ध में अपने नुकसान की सीमा का खुलासा किया है। यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने पिछले महीने कहा था कि उनकी सेना ने 450,000-500,000 और लोगों को युद्ध के लिए जुटाने का प्रस्ताव दिया था।