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गाड़ी पर लाल बत्ती लगाना तहसीलदार को पड़ा महंगा, ट्रैफिक पुलिस ने काटा चालान…1 दिन पहले ही जॉइन की थी ड्यूटी

कैथल: कैथल के गुहला चीका में तहसीलदार द्वारा अपने पिता की गाड़ी पर लाल बत्ती लगाने पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा चालान काटने का मामला सामने आया है। तहसीलदार ने गुहला सब डिवीजन में एक दिन पहले ही ड्यूटी जॉइन की थी। कुछ लोगों द्वारा पुलिस को फोन कर गाड़ी पर लाल बत्ती लगी होने शिकायत दी गई जिसके बाद ट्रैफिक पुलिस द्वारा उक्त गाड़ी का चालान किया गया। हालांकि चालान होने के बाद तहसीलदार ने गाड़ी से तुरंत लाल बत्ती हटा ली। जिस गाड़ी का चालान किया है, वह तहसीलदार के पिता के नाम पर रजिस्टर्ड थी।

जानकारी के अनुसार सोमवार को गुहला में नए आए तहसीलदार मनजीत मलिक ने नियुक्ति ली थी। तहसीलदार जिस गाड़ी में पहुंचे थे, उस पर लाल बत्ती लगी थी। शहर के कुछ लोगों ने इसकी शिकायत तुरंत कैथल के यातयात प्रभारी रमेश चंद को की। मंगलवार को ट्रैफिक पुलिस की टीम गुहला में तहसीलदार के सरकारी निवास पर पहुंची। वहां पर लाल बत्ती लगी हुई गाड़ी खड़ी थी। ट्रैफिक पुलिस ने तुरंत गाड़ी के मालिक को सूचित किया। तहसीलदार मौके पर पहुंचे और गाड़ी पर लाल बत्ती लगाने की कोई परमिशन नहीं दिखा सके। इसके बाद ट्रैफिक पुलिस ने गाड़ी का 1500 रुपए का चालान कर दिया। जिस गाड़ी का चालान किया, वह तहसीलदार मनोज के पिता तेजबीर के नाम रजिस्टर्ड थी और उस पर पता पानीपत के गांव सींक का दिया गया था। यातयात पुलिस ने तहसीलदार के पास लाल बत्ती लगाने की अनुमति न होने पर उन्हें दोबारा गाड़ी पर बत्ती न लगने के लिए भी निर्देश दिए।

गाड़ी पर लगी थी लाल बत्ती
यातायात थाना प्रभारी रमेश चंद्र ने बताया कि गुहला से उनके पास कुछ लोगों ने फोन कर सूचना दी थी कि तहसीलदार ने अपनी गाड़ी पर लाल बत्ती लगा रखी है, जो गलत है। उसके बाद पुलिस की चालान ब्रांच के कर्मचारियों को गुहला भेजा। जब वे तहसीलदार के सरकारी आवास पर पहुंचे तो वहां लाल बत्ती लगी हुई कार खड़ी थी। गाड़ी पर लाल बत्ती बिना सरकारी परमिशन और नियमों के खिलाफ लगी हुई थी। जिसका 1500 रुपये का चालान किया है।

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