नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि क्वाड का उद्देश्य संयुक्त प्रयासों से वैश्विक हित सुनिश्चित करना है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसी बात पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि यदि चार सदस्य देशों के इस समूह को आगे बढ़ना है, तो सहमति थोपने की बजाय सामंजस्य पर ज़ोर होना चाहिए। वाइस एडमिरल के. के. नय्यर स्मृति व्याख्यान में डॉक्टर जयशंकर ने कहा कि क्वाड सुचारू रूप से कार्य कर रहा है, क्योंकि सदस्य देशों के बीच बेहतर समझ है और शीत युद्ध काल जैसी अड़चनें नहीं हैं।
विदेश मंत्री ने कहा कि अंतर-निर्भरता और अंतर-संबंधों ने निहित स्वार्थों और अप्रासंगिक परिभाषाओं पर जीत हासिल कर ली है। अब यह स्पष्ट हो जाना चाहिए कि हिंद- प्रशांत क्षेत्र अतीत नहीं, बल्कि भविष्य है। डॉक्टर जयशंकर ने कहा कि विविध आपसी संबंधों में उल्लेखनीय सुधार से क्वाड संगठन में भारत की केन्द्रीय भूमिका बनी है। विदेश मंत्री ने कहा कि क्वाड संगठन क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों से मिलकर मुकाबला करने का मंच है।
उन्होंने कहा कि यह आरोप बिल्कुल निराधार है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र शीत युद्ध की मानसिकता से प्रभावित है। विदेश मंत्री ने कहा कि ऐसे आरोप वे लोग लगा रहे हैं, जो 1945 की यथास्थिति बनाए रखना चाहते हैं और समन्वय के सभी प्रयासों को नकारते जा रहे हैं। डॉक्टर जयशंकर ने कहा कि अपने हितों को थोपने के लिए दूसरों की पसंद में बाधा डाली जा रही है।