भारी सुरक्षा के बीच अमृतसर में ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसी पर जुटे कट्टरपंथी
अमृतसर। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच, मंगलवार को स्वर्ण मंदिर में ऑपरेशन ब्लूस्टार की 39वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है, जिसमें बड़ी संख्या में कट्टरपंथी शामिल हुए, जो सुबह से ही इकट्ठा होने लगे। ऑपरेशन ब्लूस्टार अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर में छिपे जरनैल सिंह भिंडरावाले के नेतृत्व वाले उग्रवादियों को बाहर निकालने के लिए दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आदेश पर एक सैन्य कार्रवाई थी।
ऑपरेशन ब्लूस्टार 1 और 8 जून, 1984 के बीच किया गया था। इसमें कई लोगों की जान चली गई थी, धर्मस्थल और परिसर क्षतिग्रस्त हो गया था।
सिख कट्टरपंथी समूह दल खालसा ने वर्षगांठ मनाने और खालिस्तान के समर्थन में शहर में एक रैली का आयोजन किया।
अमृतसर बंद का आह्वान करने वाले कट्टरपंथी संगठन के साथ पंजाब भर में कड़ी सुरक्षा देखी गई है।
अकाल तख्त ने एसजीपीसी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि ऑपरेशन ब्लूस्टार की वर्षगांठ के दौरान स्वर्ण मंदिर की पवित्रता भंग न हो।
अकाल तख्त के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के निजी सहायक जसपाल सिंह ने एसजीपीसी के सचिव को लिखा है कि स्वर्ण मंदिर की पवित्रता को ध्यान में रखते हुए तत्कालीन जत्थेदार ज्ञानी जोगिंदर सिंह के हस्ताक्षर से पारित प्रस्ताव को अकाल तख्त के निर्देशानुसार पूरी तरह लागू किया जाए।
आम आदमी पार्टी (आप) के पंजाब से सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी ने मांग की है कि ‘ऑपरेशन ब्लूस्टार’ से जुड़े सभी सरकारी दस्तावेजों को सार्वजनिक किया जाए।
प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजे मैसेज में साहनी ने उनसे आग्रह किया कि फाइलों को सुलभ बनाया जाना चाहिए।
‘ऑपरेशन ब्लूस्टार’ को हजारों लोगों की नृशंस हत्य और हरमंदिर साहिब और सिख धर्म के सर्वोच्च स्थान अकाल तख्त साहिब में पवित्र गर्भगृह पर तोड़फोड़ के साथ मानव अधिकारों का घोर उल्लंघन बताते हुए साहनी ने एक बयान में कहा कि संग्रहालय और स्वर्ण मंदिर के तोशाखाना को नष्ट किए जाने से हमारे वंश और इतिहास से संबंधित बहुमूल्य ग्रंथों और अभिलेखों का नुकसान हुआ है।
साहनी ने कहा कि इस जघन्य अपराध के लिए केवल सच्चाई जानना ही न्याय होगा, जिसके लिए यह जरूरी है कि सभी संबंधित दस्तावेजों को सार्वजनिक किया जाए।
साहनी ने ‘ऑपरेशन ब्लूस्टार’ के बारे में विवरण जारी करने की संवेदनशीलता पर जोर देते हुए कहा: हम यह नहीं भूल सकते कि 39 साल बीत चुके हैं और जो कुछ हुआ उसे भूलना असंभव है, हालांकि, दस्तावेजों के अनावरण के साथ सच्चाई इस बात की बेहतर समझ पैदा करेगी कि पवित्र श्री हरमंदिर साहिब में इस असाधारण सैन्य अभियान के लिए क्या साजिश रची गई थी।
ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसी को ध्यान में रखते हुए, पंजाब पुलिस ने राज्य भर में सुरक्षा कड़ी कर दी है।
अधिकारियों ने कहा कि पुलिस टीमें सभी 28 पुलिस जिलों में जनता के बीच विश्वास जगाने के उपाय के रूप में संवेदनशील क्षेत्रों में फ्लैग मार्च कर रही हैं।