कांग्रेस के लिए नेताओं में आपसी मतभेद बनी परेशानी, कलह दूर करने मोर्चा संभालेंगे राहुल-खरगे
नई दिल्ली (New Delhi) । कर्नाटक (Karnataka) में शानदार जीत के बाद कांग्रेस (Congress) आगामी विधानसभा चुनावों (assembly elections) में भी एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है। पार्टी मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh), छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh), राजस्थान (Rajasthan) और तेलंगाना (Telangana) में सभी नेताओं को एक मंच पर लाकर चुनाव लड़ने की नसीहत दे रही है। हालांकि, ये प्रयास कितने सफल होते हैं, यह आने वाला समय ही बताएगा। क्योंकि, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पार्टी नेता इस चुनावी एकजुटता को वर्ष 2018 के पैमाने पर तोल रहे हैं।
कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ से काफी उम्मीद है। पार्टी रणनीतिकार मानते हैं कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ और दूसरे नेताओं के बीच ज्यादा मतभेद नहीं हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के साथ हैं। प्रदेश कांग्रेस के दूसरे नेताओं की तरफ से भी कोई खास चुनौती नहीं है। ऐसे में कमलनाथ के लिए रणनीति बनाने और उसे लागू करने में कोई मुश्किल नहीं है।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को सत्ता बरकरार रखने की उम्मीद है। पार्टी इसे ध्यान में रखकर चुनाव की रणनीति बना रही है। मगर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव ने बुधवार को यह कहकर पार्टी पर दबाव बढ़ा दिया कि कई दलों ने उनसे संपर्क किया है। हालांकि, उन्होंने कांग्रेस नहीं छोड़ने की बात भी दोहराई है। ऐसे में पार्टी नेतृत्व जल्द मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सिंहदेव को बैठाकर विवाद को हल करने की तैयारी कर रहा है।
राजस्थान में भी मतभेद दूर करने का प्रयास
राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच मतभेदों को दूर करने के प्रयास जारी हैं। पार्टी कोई ऐसा फॉर्मूला तलाशना चाहती है, जो दोनों पक्षों को मंजूर हो। मगर, पार्टी की मुश्किल यह है कि सिंहदेव और पायलट दोनों वर्ष 2018 के चुनाव के बाद किए गए वादों को पूरा नहीं करने की बात करते रहे हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि दोनों नेता सुलह फॉर्मूले की सार्वजनिक घोषणा चाहते हैं।
दरअसल, टीएस सिंहदेव ढ़ाई-ढ़ाई साल के फॉर्मूले का जिक्र करते रहे हैं। हालांकि, पार्टी ने सार्वजनिक तौर पर ऐसा कोई ऐलान नहीं किया था। इसी तरह सचिन पायलट के समर्थकों का भी दावा है कि पार्टी ने उन्हें अच्छे दिनों का आश्वासन दिया था। पर साढ़े चार साल गुजरने के बावजूद उन वादों पर अमल नहीं हुआ। इसलिए, दोनों नेता इस बार फॉर्मूले का सार्वजनिक तौर पर ऐलान चाहते हैं।
कांग्रेस रणनीतिकारों का कहना है कि छत्तीसगढ़ और राजस्थान में अंदरूनी झगड़े खत्म करने के प्रयासों के साथ चुनाव में एकजुटता दिखाना भी बेहद जरूरी है। इसलिए, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी की चुनावी राज्यों में संयुक्त संभाएं करने की तैयारी की जा रही है। ताकि, सभी प्रदेश कांग्रेस नेता एकसाथ मंच पर नजर आएं। इसकी शुरुआत मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड से हो सकती है।
इसके अलावा कांग्रेस राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में भी बड़ी चुनावी रैली करने की तैयारी में है। ताकि, सभी नेताओं को एकमंच पर इकठ्ठा किया जा सके। इसके साथ चुनावी तैयारियों का जायजा लेने और प्रदेश कांग्रेस नेताओं को एकजुटता का पाठ पढ़ाने के लिए जल्द ही पार्टी की दिल्ली में एक और बैठक हो सकती है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने मई में चुनावी तैयारियों की समीक्षा की थी।