नई दिल्ली. राजधानी-शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन के एसी-2 व 3 कोच में 20 रुपये की चाय और उस पर 50 रुपये सर्विस चार्ज को लेकर सोशल मीडिया पर किरकिरी होने के बाद रेलवे बोर्ड इसमें सुधार का विचार कर रहा है. इसको लेकर अगले हफ्ते तक आदेश जारी हो सकते हैं. रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रीमियम ट्रेन राजधानी-शताब्दी, दुरंतो, गतिमान, वंदे भारत एक्सप्रेस आदि में टिकट बुक कराते समय कैटरिंग सुविधा लेना वैकल्पिक है. लेकिन बीच सफर के दौरान रेल यात्री नाश्ता, दोपहर-रात के खाने का ऑर्डर करते है, तो उनको 50 रुपये अतिरिक्त सर्विस चार्ज देना होगा, जो खाना अथवा नाश्ते की दर से अलग होगा.
2017 में जारी किया था आदेश
इन प्रीमियम ट्रेनों में टिकट बुक कराते समय कैटरिंग लेने वाले रेल यात्रियों से अतिरिक्त सर्विस चार्ज नहीं लिया जाता है. रेलवे ऐसे यात्रियों से कैटरिंग चार्ज बुकिंग के समय ले लेता है. ज्ञात रहे कि जून 2017 को रेलवे बोर्ड ने आदेश जारी कर कहा था टिकट बुकिंग कराते समय जिन यात्रियों ने कैटरिंग सुविधा नहीं ली थी, यात्रा के दौरान केवल चाय अथवा कॉफी का आर्डर होने पर भी यात्री से 50 रुपये अतिरिक्त सर्विस चार्ज लिया जाएगा. इसको लेकर 2018 में आईआरसीटसी ने दोबारा 50 रुपये सर्विस चार्ज पर रेलवे बोर्ड की राय मांगी. बोर्ड ने सर्विस चार्ज को यथावत रखने के आदेश जारी किए थे. बीते दिनों 50 रुपये सर्विस चार्ज लेने का मामला उस समय सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जब एक यात्री ने बिल की तस्वीर शेयर की. यात्री ने एक कप चाय के लिए ?70 रुपये चुकाए थे. तस्वीर में देखा गया कि यात्री ने 20 रुपये के चाय के लिए 50 रुपये का सर्विस चार्ज दिया. घटना उस समय हुई, जब यात्री 28 जून को शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन में दिल्ली से भोपाल जा रहा था.
रेलवे का सर्विस चार्ज पर यह है तर्क
रेलवे बोर्ड का तर्क है कि एडवांस टिकट बुकिंग में कैटरिंग ठेकेदार को जानकारी रहती है कि सफर के दौरान कितने यात्रियों को चाय, नाश्ता, दोपहर व रात का खाना देना है. लेकिन सफर के बीच में आर्डर मिलने पर खानपान का इंतजाम करने के लिए रेलवे को अगले स्टेशनों पर होटल-रेस्तरां आदि से खाना मांगना पड़ता है. इसके अलावा प्रत्येक ट्रेन में एडवांस बुकिंग के अलावा खाना लेकर चलने पर बिक्री नहीं होने से ठेकेदार को नुकसान उठाना पड़ता है. इसलिए सफर के दौरान खाना, चाय-कॉफी पर अतिरिक्त 50 रुपये सर्विस चार्ज का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा प्रीमियम ट्रेनों में फुटकर खाद्य सामग्री जैसे चिप्स, बिस्किट, नमकीन आदि की बिक्री पर प्रतिबंध है. ठेकेदार खराब होने वाले खाना के नुकसान की भरपाई नहीं कर सकता है. जबकि 400 मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों में फुटकर खाद्य सामग्री की बिक्री होती है. इसलिए इनमें अतिरिक्त सर्विस चार्ज नहीं लिया जाता है.