अहमदाबाद : पश्चिम रेलवे ने 456 पार्सल विशेष ट्रेनों से 3900 टन से अधिक दवाइयों और चिकित्सा सामग्री का परिवहन किया है। मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने मंगलवार को बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण वर्तमान परिदृश्य के मद्देनजर अविलम्ब चिकित्सा की ज़रूरतों वाले लोगों की मदद करने के लिए भी पश्चिम रेलवे ने अपनी पार्सल विशेष गाड़ियों के साथ-साथ मालगाड़ियों के माध्यम से देश के विभिन्न भागों में अत्यावश्यक वस्तुओं के परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कोविड-19 के मद्देनजर जब परिवहन के अन्य साधन प्रतिबंधित हैं तो चिकित्सीय आवश्यकताओं को पूरा करना बेहद मुश्किल था। ऐसे में इसी क्रम में प. रेलवे ने 23 मार्च से नौ अगस्त तक लगभग 3932 टन दवाइयां और मेडिकल सामान देश के विभिन्न भागों में पहुंचाया गया है, जिसके फलस्वरूप 1.75 करोड़ रु. का राजस्व हासिल हुआ है। इसमें दवाओं के अलावा मेडिकल और सर्जिकल सामान जैसे मास्क, सेनिटाइज़र, पीपीई किट, दस्ताने आदि का परिवहन भी किया गया।
उन्होंने बताया कि 23 मार्च से नौ अगस्त तक कोरोना महामारी के दुष्प्रभावों के बावजूद 456 पार्सल विशेष ट्रेनों के माध्यम से पश्चिम रेलवे द्वारा 95 हजार टन से अधिक वज़न वाली वस्तुओं का परिवहन किया गया, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाइयां, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल थे।
इस परिवहन के माध्यम से उत्पन्न राजस्व लगभग 30.51 करोड़ रुपये रहा है। इस अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे द्वारा 71 दूध स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं, जिनमें लगभग 54 हजार टन का भार था और इससे लगभग 9.28 करोड़ रुपये का राजस्व उत्पन्न हुआ। इसी तरह 365 कोविड -19 विशेष पार्सल गाड़ियॉं लगभग 32,700 टन भार के साथ विभिन्न आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं, जिनके द्वारा अर्जित राजस्व 16.56 करोड़ रुपये रहा।
इनके अलावा, 8773 टन भार वाले 20 इंडेंटेड रेक भी चलाये गये, जिनसे 4.67 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ।
मालगाड़ियों के कुल 11,625 रेकों का उपयोग 22 मार्च से नौ अगस्त तक लॉकडाउन की अवधि के दौरान 23.86 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया गया। अन्य ज़ोनल रेलों के साथ 22,680 मालगाड़ियों को इंटरचेंज किया गया। दस अगस्त को पश्चिम रेलवे के पोरबंदर स्टेशन से शालीमार के लिए एक पार्सल विशेष ट्रेन रवाना हुई।