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राजस्थान सरकार ने राज्य के दिव्यांग खिलाड़ियों को दिया ये सम्मान

स्पोर्ट्स डेस्क : टोक्यो पैरालंपिक में देश का मान बढ़ाने वाले प्लेयर्स का राजस्थान की राज्य सरकार ने स्वागत किया, साथ ही उन पर धनवर्षा करते हुए नौकरी, शहर में प्लाट और गांव में 25 बीघा जमीन देने की भी घोषणा की. टोक्यो पैरालंपिक में पदक जीतकर भारत का नाम रोशन करने वाले राजस्थान के प्लेयर शुक्रवार दोपहर डेढ़ बजे दिल्ली से जयपुर पहुंचे.

इस दौरान बड़ी संख्या में खेलप्रेमियों ने पदक विजेता प्लेयर्स का एयरपोर्ट पर स्वागत किया. खेल मंत्री अशोक चांदना के साथ विधायक कृष्णा पूनिया सहित खेल विभाग के आला अधिकारी मौजूद रहे. यहां से खिलाड़ी जुलूस के रूप में सवाई मानसिंह स्टेडियम पहुंचे, जहां राज्य सरकार ने प्लेयर्स को 10 करोड़ रुपए ईनामी राशि दी.

खेल मंत्री अशोक चांदना ने बोला कि राजस्थान में सरकार का केवल एक ही लक्ष्य है, खेल और खिलाड़ी दोनों को आगे लाया जाए. इसी उद्देश्य से सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि में इजाफा करने के साथ ही आउट ऑफ द टर्म पॉलिसी बनाकर प्लेयर्स को नौकरी दी जा रही है ताकि भविष्य में कभी भी खिलाड़ी को जीवनयापन के लिए परेशानी का सामना न करना पड़े.

चांदना ने बोला कि आने वाले वक्त में राजस्थान के खिलाड़ी दुनिया भर में फिर से जीत का परचम लहराएंगे. टोक्यो पैरालंपिक में राजस्थान से चार प्लेयर्स ने पांच पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया है. इनमें अवनि लेखरा ने शूटिंग में गोल्ड और कांस्य पदक जीता. कृष्णा नागर ने SH-6 बैडमिंटन कैटेगरी में गोल्ड जीता है.

देवेंद्र झाझरिया ने जैवलिन थ्रो में सिल्वर और सुंदर गुर्जर ने जैवलिन थ्रो में ही ब्रॉन्ज मेडल जीता है. राज्य सरकार द्वारा टोक्यो पैरालंपिक में गोल्ड जीतने पर तीन करोड़, सिल्वर मेडल जीतने पर दो करोड़ और कांस्य जीतने पर एक करोड़ रुपए ईनामी राशि दी गई. इसके तहत अवनि लेखरा को गोल्ड और कांस्य जीतने पर 4 करोड़ रुपए

कृष्णा नागर को गोल्ड जीतने पर 3 करोड़ रुपए, देवेंद्र झाझरिया को सिल्वर मेडल जीतने पर दो करोड़ रुपए और सुंदर गुर्जर को कांस्य जीतने पर एक करोड़ रुपए का चेक दिया गया. इसके अलावा, सरकार ने प्रत्येक प्लेयर को सरकारी नौकरी, शहरी क्षेत्र में प्लॉट और ग्रामीण इलाके में 25 बीघा कृषि भूमि देने की भी घोषणा की है.

जयपुर पहुंचने पर अवनी लेखरा ने बोला कि मैं अपना गोल्ड मेडल पूरी कंट्री को डेडिकेट करना चाहती हूं. मैं चाहती हूं कि लड़कियां आगे बढ़ें और खेलों में वो बहुत अच्छा कर सकती हैं. लोगों से कहना चाहूंगी कि बेटियों पर विश्वास करके उन्हें खेलों में भेजें. वो बड़े मुकाम हासिल कर सकती हैं. उन्होंने कहा- आज मैं बहुत खुश हूं. मुझे सभी का सपोर्ट मिला.

उन्होंने युवाओं को मैसेज दिया कि मेहनत का दूसरा विकल्प नहीं होता है. कृष्णा नागर, देवेंद्र और सुंदर ने भी सम्मानित होने पर प्रदेश सरकार का आभार जताया. उन्होंने बोला कि पिछले कुछ वक्त में देश और प्रदेश दोनों ही जगह पर खेल के प्रति लोगों की मानसिकता बदली है. इसकी वजह से ओलंपिक और पैरालंपिक में प्लेयर्स अपने के मैच में बेहतर प्रदर्शन कर पा रहे हैं.

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