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रिफाइनरी परियोजना में लागत वृद्धि का हिस्सा वहन करने पर रुख स्पष्ट नहीं कर रही राजस्थान सरकार : पुरी

बाड़मेर : केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राजस्थान सरकार पर आरोप लगाया कि उसने बाड़मेर में प्रस्तावित रिफाइनरी परियोजना में लागत वृद्धि के अपने हिस्से को वहन करने को लेकर अपना रुख अभी स्पष्ट नहीं किया है।

पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि यदि राज्य सरकार लागत वृद्धि का अपना हिस्सा वहन नहीं करती है, तो परियोजना में उसका हिस्सा 26 प्रतिशत से घटाकर 16 प्रतिशत किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण रिफाइनरी सह पेट्रोकेमिकल परिसर की लागत 42,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 72,000 करोड़ रुपये हो गई है और इस लागत वृद्धि में राज्य सरकार की हिस्सेदारी लगभग 2,500 करोड़ रुपये है।

पुरी ने कहा कि राज्य सरकार को अगस्त 2021 में लागत वृद्धि से अवगत कराया गया था लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। उन्होंने कहा, ‘‘इस बारे में राज्य सरकार से निर्णायक जवाब का अभी इंतजार है। राज्य सरकार के अनुरोध पर मूल्य वृद्धि पर एक सर्वेक्षण किया गया है लेकिन अगर राज्य सरकार को इस हिस्से को वहन करने में परेशानी होती है तो हम इस खर्च को वहन करने के लिए तैयार हैं, और उस स्थिति में राज्य सरकार का हिस्सा 26 प्रतिशत से घटकर 16 प्रतिशत हो सकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘हम इस परियोजना को समय सीमा के भीतर पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’

यह परियोजना हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) और राजस्थान सरकार (जीओआर) का एक संयुक्त उद्यम है, जिसमें उनकी क्रमशः 74 प्रतिशत और 26 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। इस परियोजना को मार्च 2024 तक चालू किया जाना है। पहले यह समय सीमा दिसंबर 2022 थी।

पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि देश का कच्चा तेल आयात का मौजूदा खर्च 95,000 करोड़ रुपये है, जिसमें यह परियोजना चालू होने के बाद 26,000 करोड़ रुपये की कमी आएगी। उन्होंने कहा, ‘यह परियोजना पूंजीगत व्यय के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का सबसे अच्छा उदाहरण है।’ उन्होंने कहा कि देश जल्द ही दुनिया के शीर्ष तीन कच्चा तेल रिफाइनरों में शामिल होने जा रहा है। शोधन क्षमता के बारे में उन्होंने कहा कि भारत में वर्तमान में प्रति दिन 25 करोड़ मीट्रिक टन की रिफाइनिंग क्षमता है और इसे बढ़ाकर 33 मीट्रिक टन प्रति दिन करने का लक्ष्य है।

केंद्रीय मंत्री ने रिफाइनरी को रेगिस्तान का गहना करार देते हुए कहा कि यह परियोजना राजस्थान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक बड़ा उपहार है जिससे 35,000 प्रत्यक्ष रोजगार और एक लाख अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे। उल्लेखनीय है कि इस प्रस्तावित रिफाइनरी की क्षमता 90 लाख मीट्रिक टन है जिसमें 24 लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष पेट्रोकेमिकल उत्पाद शामिल हैं। परियोजना के लिए भारत सरकार की स्वीकृति अक्टूबर 2017 में प्राप्त हुई थी।

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