श्रीगंगानगर : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए ‘मां वाउचर योजना‘ की शुरुआत 17 सितम्बर 2024 को पूरे प्रदेश में किया गया। मां वाउचर योजना राजस्थान सरकार की एक दूरदर्शी पहल है, जिसका उद्देश्य राज्य में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करना और सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करना है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य की महिलाओं को निःशुल्क सोनोग्राफी सेवाएं उपलब्ध कराना है। योजना विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए फायदेमंद है जो दूर-दराज के क्षेत्रों में रहती हैं और जिनके लिए स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचना कठिन है। यह योजना उन महिलाओं के लिए भी उपयोगी है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और सोनोग्राफी जैसी महंगी सेवाओं का खर्च वहन करने में असमर्थ है।
योजना के तहत प्रदेश की गर्भवती महिलाएं अपने ऐसे नजदीकी सरकारी चिकित्सा संस्थान पर जाकर सोनोग्राफी करा सकती है जिन सरकारी चिकित्सा संस्थानों में सोनोग्राफी की सुविधा उपलब्ध नहीं तो वहाँ से गर्भवती महिला अपने जन आधार कार्ड और मोबाइल फोन के माध्यम से वाउचर प्राप्त कर सकती है। यह वाउचर सरकारी और सूचीबद्ध निजी पंजीकृत सोनोग्राफी केंद्रों पर निःशुल्क सेवा के लिए मान्य होगा। योजना के अंतर्गत अलवर जिले में 17 सितम्बर 2024 से 19 जनवरी 2025 तक 2472 सोनोग्राफी की जाकर गर्भवती महिलाओं को लाभान्वित किया गया है। गर्भावस्था के 84 दिन या उससे अधिक की अवधि वाली महिलाएं इस योजना के तहत निःशुल्क सोनोग्राफी करवा सकती हैं। यह सुविधा सरकारी और सूचीबद्ध निजी सोनोग्राफी केंद्रों पर उपलब्ध है।
योजना के तहत गर्भवती महिला को अपना जन आधार कार्ड और मोबाइल फोन लेकर नजदीकी सरकारी चिकित्सा संस्थान पर जाना होगा।
चिकित्सा संस्थान में ओटीपी के माध्यम से महिला के मोबाइल पर एक एसएमएस द्वारा क्यूआर वाउचर जारी किया जाएगा। वाउचर की वैधता 30 दिनों की होगी। यदि महिला निर्धारित 30 दिनों में सोनोग्राफी नहीं करवा पाती है, तो वह दोबारा चिकित्सा संस्थान पर जाकर वाउचर की अवधि एक बार 30 दिनों तक बढ़ा सकती है। महिलाओं को बेहतर सेवाएं देने के लिए प्रदेश में 1,161 निजी सोनोग्राफी केंद्रों और अस्पतालों को योजना में शामिल किया गया है। अलवर जिले में 26 निजी सोनोग्राफी सेंटर्स पर मां वाउचर योजना चालू है।
गर्भवती महिला अपने नजदीकी सरकारी चिकित्सा संस्थान पर जाकर जन आधार कार्ड और मोबाइल फोन के माध्यम से वाउचर प्राप्त कर सकती है। यह वाउचर सरकारी और सूचीबद्ध निजी पंजीकृत सोनोग्राफी केंद्रों पर निःशुल्क सेवा के लिए मान्य होगा। जिले की कोई भी गर्भवती महिला जिसकी गर्भावस्था की अवधि 12 सप्ताह से अधिक है, वह महिला प्रत्येक माह की 9, 18 व 27 तारीख (प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस) के दिन जिले के ऐसे सरकारी अस्पताल से मां वाउचर योजना के लिए कूपन ले सकती है, जिस संस्थान पर सोनोग्राफी की सुविधा उपलब्ध नहीं हो। जिले में सरकारी अस्पतालों में संचालित सोनोग्राफी केंद्रों पर सोनोग्राफी सुविधा निःशुल्क है इसलिए सरकारी संस्थान पर सोनोग्राफी कराने के लिए मां वाउचर योजना की आवश्यकता नहीं है।
श्रीगंगानगर जिले में अर्पण अल्ट्रासाउंड सेन्टर, छवि मेडिकेयर प्राइवेट लिमिटेड, दिवोज अल्ट्रासाउंड सेन्टर, श्री उत्तम हॉस्पिटल, डॉ. एसएस टांटिया मेमोरियल हॉस्पिटल, जेआरटी हॉस्पिटल, लालगढ़िया हॉस्पिटल, नागपाल डायग्नोस्टिक सेन्टर, पारस डायग्नोस्टिक सेन्टर, एसएन सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल, साहिल डायग्नोस्टिक एण्ड रिसर्च सेन्टर, शुभ प्लस डायग्नोस्टिक सेन्टर, श्रीगंगानगर एज सेन्टर, कैलाश मल्टी स्पेशिलिटी हॉस्पिटल, जिन्दल हार्ट एण्ड सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल, प्रथम डायग्नोस्टिक सेन्टर, पीएमजी हॉस्पिटल, तपोवन आवेदना संस्थान, बंसल क्लिनीक, आकाश अल्ट्रासाउंड, एपैक्स डायग्नोस्टिक सूरतगढ़, अरोड़ा केयर होम, बंसल नर्सिंग होम, डिजायर डायग्नोस्टिक सेन्टर, मारूति डायग्नोस्टिक सेन्टर, परम पिता शाह सतनाम जनरल हॉस्पिटल और चुघ अल्ट्रासाउंड सेन्टर शामिल है। राज्य सरकार की मां वाउचर योजना महिलाओं और उनके शिशु के स्वास्थ्य की देखभाल को सुलभ और प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह योजना मातृत्व सेवाओं को व्यापक रूप से पहुंचाने और गर्भावस्था के दौरान जटिलताओं का समय पर पता लगाने में सहायक सिद्ध हो रही है।