विधानसभा सत्र बुलाने पर राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र सहमत, रखी तीन शर्तें
जयपुर : राजस्थान की गहलोत सरकार की तरफ से लगातार विधानसभा सत्र बुलाने के अनुरोध के बाद राज्यपाल कलराज मिश्र इस पर सहमत हो गए हैं। लेकिन, उन्होंने कहा कि संवैधानिक तरीके से सत्र बुलाया जाना चाहिए और इसके लिए सरकार की तरफ से 21 दिनों का नोटिस देना जरूरी होता है। राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा का सत्र बुलाने के राज्य मंत्रिमंडल का संशोधित प्रस्ताव को कुछ ‘बिंदुओं’ के साथ सरकार को वापस भेजा है और कहा है कि विधानसभा सत्र संवैधानिक प्रावधानों के अनुकूल आहूत होना आवश्यक है। इसके साथ ही राजभवन ने स्पष्ट किया है कि राजभवन की विधानसभा सत्र न बुलाने की कोई मंशा नहीं है। राजभवन सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल ने विधानसभा सत्र बुलाने की राज्य सरकार की संशोधित पत्रावली तीन बिंदुओं पर कार्यवाही कर पुन: उन्हें भिजवाने के निर्देश के साथ संसदीय कार्य विभाग को भेजी है। इससे पहले शुक्रवार को राज्यपाल ने सरकार के प्रस्ताव को कुछ बिंदुओं पर कार्यवाही के निर्देश के साथ लौटाया था।
कांग्रेस और मुख्यमंत्री की तरफ से ‘ऊपर से दबाव’ के आरोपों के बावजूद आज जारी नोटिफिकेशन में राज्यपाल कलराज मिश्र ने इस बात को खारिज कर दिया कि विधानसभा सत्र बुलाने में वह देरी कर रहे थे। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री की तरफ से 31 जुलाई से विधानसभा सत्र शुरू करने के प्रस्ताव की मांग को खारिज करते हुए आज सुबह राज्य सरकार से सफाई मांगी थी। कोरोना वायरस की स्थिति का हवाला देते हुए राज्यपाल ने कहा था कि इतने कम समय में सदन के सभी विधायकों को बुलाना कठिन होगा।
राजभवन की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, राज्यपाल मिश्र ने कहा है कि विधानसभा सत्र संवैधानिक प्रावधानों के अनुकूल आहूत होना आवश्यक है। राज्यपाल ने राज्य सरकार को संविधान के अनुच्छेद 174 के अंतर्गत तीन परामर्श देते हुए विधानसभा का सत्र आहूत किए जाने हेतु कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए हैं। इसमें कहा गया, ”राजभवन की विधानसभा सत्र न बुलाने की कोई भी मंशा नहीं है।” इसमें कहा गया है, ”प्रिंट मीडिया एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया में राज्य सरकार के बयान से यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव लाना चाहती है, परंतु सत्र बुलाने के प्रस्ताव में इसका उल्लेख नहीं है। यदि राज्य सरकार विश्वास मत हासिल करना चाहती है तो यह अल्पावधि में सत्र बुलाने का युक्तिसंगत आधार बन सकता है।